कोरोना महामारी के दौरान शासन, समाज और सिनेमा की कार्यशैली में क्रांतिकारी परिवर्तन आया: नकवी

By भाषा | Updated: December 14, 2020 14:35 IST2020-12-14T14:35:19+5:302020-12-14T14:35:19+5:30

During the Corona epidemic there was a radical change in the way governance, society and cinema functioned: Naqvi | कोरोना महामारी के दौरान शासन, समाज और सिनेमा की कार्यशैली में क्रांतिकारी परिवर्तन आया: नकवी

कोरोना महामारी के दौरान शासन, समाज और सिनेमा की कार्यशैली में क्रांतिकारी परिवर्तन आया: नकवी

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जागरुकता फैलाने में मीडिया और सिनेमा के योगदान की सराहना करते हुए सोमवार को कहा कि पिछले 10 महीनों में शासन, समाज, सिनेमा और मीडिया के चरित्र, कार्यशैली में एवं प्रतिबद्धता में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है।

नकवी ने यहां एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित "अंतरराष्ट्रीय कोरोना वायरस लघु फिल्म महोत्सव’ में यह भी कहा कि कोरोना के कहर के दौरान लघु फिल्मों (शॉर्ट फिल्म) की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

इस अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, फिल्म जगत की मशहूर हस्तियां, विभिन्न देशों के राजनयिक, पत्रकार और कई अन्य लोग उपस्थित रहे।

आधिकारिक बयान के अनुसार, नकवी ने कहा, ‘‘कोरोना के चलते एक लंबे समय तक फिल्मों की शूटिंग स्थगित रही। इस दौरान लघु फिल्मों ने ना केवल लोगों का मनोरंजन किया बल्कि कोरोना की चुनौतियों को लेकर जागरूक भी किया। कोरोना के खिलाफ जागरूकता में सरकार, समाज के साथ-साथ मीडिया और फिल्म जगत का महत्वपूर्ण योगदान रहा।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी देश पर संकट आया है, सरकार, समाज, मीडिया और फिल्म जगत, सब ने मिल कर राष्ट्रीय हित और मानव कल्याण के लिए अपनी-अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी के साथ निभाई है।’’

नकवी ने कहा, ‘‘कोरोना महामारी जैसी चुनौती के बीच भी एक परिपक्व समाज, सरकार, सिनेमा और मीडिया की भूमिका निभाने में हमने कोई कमी नहीं छोड़ी। खासकर भारत में इन वर्गों ने “संकट के समाधान” का हिस्सा बनने में अपनी-अपनी भूमिका निभाने की कोशिश की।’’

मंत्री के मुताबिक, पिछले लगभग 10 महीनों में प्रशासन, समाज, सिनेमा और मीडिया के कैरेक्टर, कार्यशैली और कमिटमेंट में सकारात्मक क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। बदलाव और सुधार के लिए हालात पैदा नहीं किये जा सकते बल्कि खुद ही हो जाते हैं। आज समाज के हर हिस्से की कार्यशैली और जीवनशैली में बड़े बदलाव इस बात का प्रमाण हैं।

इस लघु फिल्म महोत्सव में 108 देशों की 2800 से ज्यादा फ़िल्में शामिल हो रही हैं। यह लघु फिल्में, कोरोना से बचाव, जागरूकता, कोरोना के दौरान लोगों की जीवनशैली आदि विषयों पर आधारित हैं।

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