त्रिपुरा में 5 शताब्दी पहले शाही परिवार द्वारा शुरू की गई दुर्गा पूजा अब भी आकर्षण का केंद्र

By भाषा | Updated: October 10, 2021 16:08 IST2021-10-10T16:08:25+5:302021-10-10T16:08:25+5:30

Durga Puja started by the royal family 5 centuries ago in Tripura still the center of attraction | त्रिपुरा में 5 शताब्दी पहले शाही परिवार द्वारा शुरू की गई दुर्गा पूजा अब भी आकर्षण का केंद्र

त्रिपुरा में 5 शताब्दी पहले शाही परिवार द्वारा शुरू की गई दुर्गा पूजा अब भी आकर्षण का केंद्र

(जयंत भट्टाचार्य)

अगरतला, 10 अक्टूबर त्रिपुरा में शाही परिवार द्वारा पांच सदी पहले शुरू की गई परंपरागत दुर्गा पूजा ऐसे समय में भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है जब कई दुर्गा पूजा संगठन अपने पंडालों को आधुनिकता का रंग देकर तैयार करते हैं।

त्रिपुरा शाही परिवार ने पांच सदी पहले अपनी तत्कालीन राजधानी उदयपुर में दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत की। समय के साथ स्थानांतरण होता रहा और यह पहले अमरपुर हुआ और फिर 18वीं शताब्दी की शुरुआत में महाराजा कृष्ण किशोर माणिक्य बहादुर ने इसे अगरतला कर दिया। उन्होंने लगभग 183 साल पहले देवी भगवती को समर्पित एक मंदिर का निर्माण कराया।

त्रिपुरा ने जब 15 अक्टूबर, 1949 को भारत सरकार के साथ विलय दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए तो यह सहमति हुई कि दुर्गाबड़ी मंदिर, गोमती जिले के उदयपुर में स्थित त्रिपुरेश्वरी काली मंदिर और कुछ अन्य मंदिरों का वित्तपोषण और देखरेख राज्य सरकार करेगी।

इस समझौते का पालन करते हुए पश्चिमी त्रिपुरा के जिला अधिकारी मंदिर के अनुष्ठानों की देखरेख करते हैं। वह पूजा के सेवायत भी होते हैं। राज्य सरकार दैनिक पूजा से लेकर हिंदू कैलेंडर के अनुसार आश्विन महीने में होने वाली पूजा का खर्चा भी उठाती है।

हालांकि, मंदिर के नाममात्र के संरक्षक के रूप में शाही परिवार का प्रमुख दुर्गा पूजा समेत यहां आयोजित सभी कार्यक्रमों से जुड़ा रहता है।

राज्य के इतिहास और संस्कृति पर शोध करनेवाले पन्नालाल रॉय ने बताया कि यहां दुर्गाबाड़ी मंदिर में देवी दुर्गा के पारंपरिक 10 हाथ की जगह दो हाथ हैं और इसके पीछे की कथा ऐसी है कि महाराजा कृष्णा किशोर की पत्नी महारानी सुलक्षणा देवी, देवी दुर्गा के 10 हाथ देखकर बेहोश हो गई और उस रात महारानी ने सपना देखा कि देवी ने उन्हें दुर्गा की एक ऐसी प्रतिमा की पूजा की सलाह दी, जिसके दो हाथ दिखते हैं और बाकी आठ अदृश्य हों।

त्रिपुरा में करीब 2,500 दुर्गा पूजा पंडाल हैं, जिनमें से अकेले 1,000 तो अगरतला में ही है। इनमें से कई विषय आधारित पंडाल होते हैं। लेकिन ऐतिहासिक महत्व और शाही परिवार से जुड़े होने की वजह से दुर्गाबाड़ी पूजा अब भी मुख्य आकर्षण का केंद्र है।

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Web Title: Durga Puja started by the royal family 5 centuries ago in Tripura still the center of attraction

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