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नकली बीज मामला: 14 साल की जांच के बाद मामला दर्ज, 2 कंपनियों ने किया करीब 11 करोड़ रुपये का उत्पादन

By बृजेश परमार | Updated: March 2, 2020 07:19 IST

वर्ष 2004-05 में विधानसभा में उज्जैन संभाग की निजी बीज उत्पादक कंपनियों का मामला सामने आया था। जिस पर तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए गए थे।

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ठळक मुद्देकमेटी ने बीज उत्पादक कंपनियों की जांच की थी।इस जांच में महिदपुर की प्रज्ञा सीड्स एवं महाबीज कंपनी को बीज उत्पादन में अनियमितता एवं लापरवाही का दोषी पाया गया था। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि दोनों कंपनियों के द्वारा करीब 10 करोड़ 64 लाख के नकली बीज का उत्पादन किया गया।

नकली बीज उत्पादन करने वाली दो कंपनियों के खिलाफ कृषि विभाग की 14 साल की जांच के बाद महिदपुर पुलिस के पास जांच रिपोर्ट पहुंची । पुलिस ने एक माह के अंदर अपनी जांच और कार्रवाई पूर्ण कर दोनों कंपनी के संचालकों के विरूद्ध भादवि की धारा 420 एवं 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम में प्रकरण दर्ज किया है। जांच में सामने आया है कि दोनों कंपनियों ने करीब 11 करोड का नकली बीज उत्पादन किया।

महिदपुर थाना उपनिरीक्षक राहुल रावत के अनुसार वर्ष 2004-05 में विधानसभा में उज्जैन संभाग की निजी बीज उत्पादक कंपनियों का मामला सामने आया था। जिस पर तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए गए थे।कृषि विभाग के अधिकारी भी इसमें शामिल थे।

कमेटी ने बीज उत्पादक कंपनियों की जांच की थी।इस जांच में महिदपुर की प्रज्ञा सीड्स एवं महाबीज कंपनी को बीज उत्पादन में अनियमितता एवं लापरवाही का दोषी पाया गया था। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि दोनों कंपनियों के द्वारा करीब 10 करोड़ 64 लाख के नकली बीज का उत्पादन किया गया।

जांच रिपोर्ट कमेटी ने विभाग के संभागीय अधिकारियों को सौंप दी थी।संभागीय मुख्यालय से जांच रिपोर्ट प्रदेश स्तर पर प्रमुख सचिव तक पहुंची थी। जांच रिपोर्ट देखने के बाद प्रदेश स्तर के अधिकारियों ने मामले में जिला अधिकारी को पुलिस प्रकरण दर्ज करवाने के आदेश दिए गए थे। एक माह पूर्व उपसंचालक कृषि ने बीज निरीक्षक आर सी चंद्रपाल को मामले में अधिकृत करते हुए प्रकरण दर्ज करवाने के आदेश दिए थे। इस आधार पर विभाग की और से महिदपुर पुलिस को जांच रिपोर्ट के साथ अपना आवेदन दिया था।

जांच अधिकारी उपनिरीक्षक राहुल रावत के अनुसार जांच रिपोर्ट के आधार पर वैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए शासकीय अभिभाषक एवं अन्य आवश्यक परामर्श लेकर मामले में तस्दीक की गई । इसके उपरांत प्रज्ञा सीड़स के संचालक संदीप चौपड़ा एवं महाबीज के अज्ञात संचालक के विरूद्ध भादवि की धारा 420 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3 /7 में प्रकरण दर्ज किया है।  

इस मामले में विधायक बहादुरसिंह चौहान से चर्चा कर जानकारी लेने पर उनका कहना था कि वर्ष 2006 से ही वे लगातार मामले में आज तक लगे हुए हैं। वे इस सवाल की नकली बीज मामले की रिपोर्ट कमेटी ने वर्ष 2006 में ही पेश कर दी थी और तत्कालीन दौर में भाजपा की सरकार थी तो फिर कार्रवाई में आखिर 14 साल क्यों लगे ? को लेकर यही कहते रहे कि वे बराबर 23 दिस्ंबर 2006से इस मामले में कार्रवाई कर रहे हैं।एक बार फिर से वे विधानसभा में प्रशन लगाने वाले हैं

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