नयी दिल्ली, छह अगस्त दिल्ली विश्वविद्यालय ने 16 अगस्त से विज्ञान के छात्रों के लिए भौतिक रूप से कक्षाएं फिर शुरू करने के अपने फैसले को शुक्रवार को टाल दिया।
विश्वविद्यालय ने बृहस्पतिवार को एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर घोषणा की थी कि वह कोरोना वायरस मामलों में गिरावट के मद्देनजर विज्ञान विषय के छात्रों के लिए भौतिक रूप से कक्षाएं आयोजित करेगा, जिसके बाद शिक्षकों के एक वर्ग ने छात्रों को परिसर में बुलाने के विश्वविद्यालय के फैसले पर नाराजगी व्यक्त की थी।
रजिस्ट्रार विकास गुप्ता द्वारा जारी नयी अधिसूचना में कहा गया है, “विश्वविद्यालय और उसके कॉलेजों में विज्ञान पाठ्यक्रमों के पीजी और यूजी कार्यक्रमों के लिए 16.08.2021 से भौतिक तौर पर कक्षाएं संचालित करने से संबंधित निर्देश को टाल दिया गया है।”
गुप्ता ने शुक्रवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ''निर्णय को इसलिये टाला गया है क्योंकि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने के बारे में कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है। परिसर को फिर से खोलना दिशानिर्देशों का उल्लंघन होता। हम इंतजार करेंगे।''
उन्होंने कहा कि शिक्षकों के एक वर्ग द्वारा इस कदम की आलोचना किये जाने के कारण निर्णय को नहीं टाला गया।
प्रोफेसर आभा देव हबीब ने विश्वविद्यालय द्वारा जारी नयी अधिसूचना का स्वागत किया।
उन्होंने कहा, ''अच्छा है कि विश्वविद्यालय ने प्राप्त प्रतिक्रियाओं के कारण अपने निर्णय की समीक्षा की है। विज्ञान पीजी और यूजी पाठ्यक्रमों के लिए भौतिक तौर पर कक्षाओं और प्रयोगशालाओं के बारे में अचानक अधिसूचना के परिणामस्वरूप अत्यधिक गहमागहमी पैदा हो गई थी।''
हबीब ने कहा, ''चूंकि देश में 18 साल से अधिक आयु को लोगों के लिए टीकाकरण अभी शुरू हुआ है, ऐसे में विश्वविद्यालय को छात्रों को उनकी पूरी खुराक लेने के लिए समय देना चाहिए। भीड़भाड़ वाले कमरों और प्रयोगशालाओं में पढ़ाने का मतलब सभी के स्वास्थ्य के लिए खतरा होता।''
हबीब ने यह भी कहा कि शिक्षक सामान्य स्थिति बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं।
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