डीयू समिति ने पाठ्यक्रम मसौदा तैयार करने में तय प्रक्रिया की अनदेखी की: अंग्रेजी शिक्षकों ने कहा

By भाषा | Updated: September 4, 2021 18:04 IST2021-09-04T18:04:57+5:302021-09-04T18:04:57+5:30

DU committee ignored due process in drafting syllabus: English teachers | डीयू समिति ने पाठ्यक्रम मसौदा तैयार करने में तय प्रक्रिया की अनदेखी की: अंग्रेजी शिक्षकों ने कहा

डीयू समिति ने पाठ्यक्रम मसौदा तैयार करने में तय प्रक्रिया की अनदेखी की: अंग्रेजी शिक्षकों ने कहा

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के अंग्रेजी शिक्षकों के एक वर्ग ने विश्वविद्यालय की समिति पर विषयों के पाठ्यक्रम का मसौदा तैयार करने में ‘‘लोकतांत्रिक और तय प्रक्रिया’’ का मजाक बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने महाश्वेता देवी की प्रसिद्ध लघु कथा ‘‘द्रौपदी’’ को फिर से पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की है।डीयू कॉलेजों के लगभग 115 अंग्रेजी शिक्षकों ने शुक्रवार को जारी एक बयान में, सेमेस्टर पांच के लिए अंग्रेजी पाठ्यक्रम को फिर से तैयार करने के दौरान निगरानी समिति द्वारा देवी, लेखक बामा और सुकरिथरणी की रचनाओं की अनदेखी करने की आलोचना की। शिक्षकों के अनुसार, ‘‘निगरानी समिति द्वारा पूरी प्रक्रिया का खुले तौर पर उल्लंघन किया गया और उसे दरकिनार कर दिया गया।’’ उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘यह (निगरानी समिति) अकेले ही एक ऐसे पाठ्यक्रम को नष्ट करने का प्रयास करती है जिसे वर्षों की सावधानीपूर्वक चर्चा और बहस के बाद एक साथ रखा गया है, जहां लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई समितियों ने लोकतांत्रिक रूप से उन विविध पाठ्यक्रमों को चुना है जो समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं।’’विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद ने पिछले महीने देवी और दलित वर्ग के दो लेखकों की रचनाओं को बीए (ऑनर्स) अंग्रेजी पाठ्यक्रम से हटा दिया था, जबकि निगरानी समिति की सिफारिशों पर इसके पाठ्यक्रम में बदलाव को मंजूरी दे दी थी। बयान में कहा गया है, ‘‘जिन आवाजों का गला घोंटा गया है, वे दलित वर्ग और गैर-दलित महिला लेखकों की हैं जो दलित/आदिवासी महिलाओं के बारे में लिख रही हैं।’’ इससे पहले, पाठ्यक्रम को फिर से तैयार करते समय, डीयू ने दावा किया था कि वह ‘‘सावधानीपूर्वक अवलोकन’’ के माध्यम से ‘‘पाठ्यक्रम की समावेशी प्रकृति’’ को सामने लाने का प्रयास करता है। शिक्षकों ने यह भी आरोप लगाया कि अंग्रेजी विभाग के प्रमुख को नवीनीकृत पाठ्यक्रम पर सहमति देने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि निगरानी समिति की यह सिफारिश कि ‘‘द्रौपदी’’ को पाठ्यक्रम से हटा दिया जाना चाहिए, 19 जुलाई को उस वक्त आई जब कक्षाएं शुरू होने में महज 24 घंटे से भी कम समय बचा था। इस बीच विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग के एचओडी प्रोफेसर राज कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्होंने ‘‘केवल शिक्षकों और विद्यार्थियों के हित में पाठ्यक्रम को मंजूरी दी।’’ कुमार के अनुसार, अंग्रेजी विभाग ने 2017 और 2019 के बीच पाठ्यक्रम पर ‘‘तीन हजार घंटे तक काम’’ किया था।उन्होंने कहा, ‘‘दो अंतरराष्ट्रीय प्रोफेसरों और अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों ने भी पाठ्यक्रम को मंजूरी दी थी।

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Web Title: DU committee ignored due process in drafting syllabus: English teachers

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