पूर्वोत्तर में ड्रोन से कोविड-19 रोधी टीके की आपूर्ति शुरू

By भाषा | Updated: October 4, 2021 18:05 IST2021-10-04T18:05:16+5:302021-10-04T18:05:16+5:30

Drones start supply of anti-Kovid-19 vaccines in Northeast | पूर्वोत्तर में ड्रोन से कोविड-19 रोधी टीके की आपूर्ति शुरू

पूर्वोत्तर में ड्रोन से कोविड-19 रोधी टीके की आपूर्ति शुरू

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को ड्रोन के जरिये पूर्वोत्तर के दुर्गम इलाकों में कोविड-19 टीके की आपूर्ति की सुविधा के लिए एक पहल शुरू की।

अधिकारियों ने कहा कि आईसीएमआर का ड्रोन रिस्पांस एंड आउटरीच इन नॉर्थईस्ट (आई-ड्रोन), यह सुनिश्चित करने के लिए एक आपूर्ति मॉडल है कि जीवन रक्षक कोविड टीके सभी तक पहुंचें। यह स्वास्थ्य में 'अंत्योदय' के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है जिसका मकसद देश के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना है।

मांडविया ने कहा, ‘‘यह पहली बार है कि दक्षिण एशिया में ‘मेक इन इंडिया’ ड्रोन का उपयोग कोविड-19 टीके को 15 किलोमीटर की हवाई दूरी पर स्थित जगह पर 12-15 मिनट में पहुंचाने के लिए किया गया। इन टीकों को पीएचसी में लाभार्थियों को लगाये जाने के वास्ते मणिपुर में बिष्णुपुर जिला अस्पताल से लोकटाक झील, कारंग द्वीप पहुंचाया गया।’’

मांडविया ने कहा, ‘‘इन स्थानों के बीच सड़क मार्ग से वास्तविक दूरी 26 किलोमीटर है। आज, पीएचसी में 10 लाभार्थियों को पहली खुराक और आठ को दूसरी खुराक मिलेगी।’’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘‘उनके नेतृत्व में देश बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज एक ऐतिहासिक दिन है, जिसने हमें दिखाया कि कैसे तकनीक जीवन को आसान बना रही है और सामाजिक परिवर्तन ला रही है।’’

उन्होंने कहा कि भारत भौगोलिक विविधताओं का देश है और ड्रोन का इस्तेमाल अंतिम छोर तक जरूरी सामान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है।

मांडविया ने कहा, ‘‘हम महत्वपूर्ण जीवन रक्षक दवाओं को वितरित करने, रक्त के नमूने एकत्र करने में ड्रोन का उपयोग कर सकते हैं। इस तकनीक का उपयोग गंभीर परिस्थितियों में भी किया जा सकता है। यह तकनीक स्वास्थ्य देखभाल, विशेष रूप से कठिन क्षेत्रों में स्वास्थ्य आपूर्ति में चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।’’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस पहल की शुरुआत की जो भारत के दुर्गम इलाकों में टीके की आपूर्ति की सुविधा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के लिए हमारा टीकाकरण कार्यक्रम पहले ही सभी अपेक्षाओं को पार कर चुका है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह पहल हमें कोविड-19 के खिलाफ उच्चतम संभव टीकाकरण कवरेज प्राप्त करने में मदद करेगी। इस तरह की ड्रोन तकनीकों को राष्ट्रीय कार्यक्रमों में शामिल करने से अन्य टीकों और चिकित्सा आपूर्ति को जल्द से जल्द वितरित करने में मदद मिलेगी।’’

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रभावी और सुरक्षित तरीके से टीका लगाये जाने के बावजूद, भारत के कठिन और दुर्गम इलाकों में टीके की आपूर्ति अभी भी चुनौतीपूर्ण है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आई-ड्रोन को मानव रहित यानों (यूएवी) या ड्रोन को दूरदराज के इलाकों में तैनात करके इन चुनौतियों से पार पाने के लिए डिजाइन किया गया है। वर्तमान में, ड्रोन-आधारित वितरण परियोजना को मणिपुर और नागालैंड के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कार्यान्वयन की अनुमति दी गई है।

आईसीएमआर ने टीकों को सुरक्षित रूप से ले जाने और स्थानांतरित करने के लिए ड्रोन की क्षमता का परीक्षण करने की खातिर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के सहयोग से एक प्रारंभिक अध्ययन किया।

अध्ययन मणिपुर, नागालैंड और अंडमान और निकोबार में किया गया था। इन अध्ययनों ने आशाजनक परिणाम प्रदान किए जिसके आधार पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और अन्य नियामक प्राधिकरणों ने दृश्य रेखा से परे ड्रोन उड़ाने की अनुमति दी।

मांडविया ने इस पहल पर विश्वास व्यक्त किया और कहा कि यह न केवल टीके बल्कि अन्य चिकित्सा आपूर्ति देने में भी मददगार हो सकती है।

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Web Title: Drones start supply of anti-Kovid-19 vaccines in Northeast

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