नोबेल पुरस्कार 2019: भारतीय ड्रेस बंदगला जैकेट और धोती पहने अभिजीत बनर्जी ने प्राप्त किया यह पुरस्कार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 11, 2019 09:20 AM2019-12-11T09:20:57+5:302019-12-11T09:20:57+5:30
बनर्जी के साथ इस काम में उनका साथ एस्टर डफ्लो दे रही थी। डफ्लो ने नीले रंग की साड़ी पहनी थी। उन्हें भी नोबेल सम्मान दिया गया। इन दोनों के अलावा, उनके सहयोगी माइकल क्रेमर को भी नोबेल प्राइज मिला, इस कार्यक्रम में क्रेमर ने एक सूट पहन रखा था।
एक बंदगला जैकेट और धोती पहने, भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने स्वीडन में नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया है। बनर्जी ने "वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए एक प्रायोगिक दृष्टिकोण" की खोज की थी। बनर्जी के साथ इस काम में उनका साथ एस्टर डफ्लो दे रही थी। डफ्लो ने नीले रंग की साड़ी पहनी थी। उन्हें भी नोबेल सम्मान दिया गया। इन दोनों के अलावा, उनके सहयोगी माइकल क्रेमर को भी नोबेल प्राइज मिला, इस कार्यक्रम में क्रेमर ने एक सूट पहन रखा था।
बता दें कि इस पुरस्कार के लिए तीन विजेताओं के बीच 9 मिलियन स्वीडिश क्रोना (लगभग 6.5 करोड़ रुपये) का पर्स दिया गया है। दरअसल, मुंबई में जन्मे बनर्जी अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले अमर्त्य सेन के बाद दूसरे भारतीय हैं। सेन की तरह, बनर्जी भी प्रेसीडेंसी कॉलेज के पूर्व छात्र हैं, जो अब प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय है।
Watch Abhijit Banerjee, Esther Duflo and Michael Kremer receive their medals and diplomas at the #NobelPrize award ceremony today. Congratulations!
— The Nobel Prize (@NobelPrize) December 10, 2019
They were awarded the 2019 Prize in Economic Sciences “for their experimental approach to alleviating global poverty.” pic.twitter.com/c3ltP7EXcF
इसके अलावा, आपको बता दें कि अर्थशास्त्री बनर्जी के साथ जिस महिला को अर्थशास्त्र का नोबेल दिया जा रहा है वह बनर्जी की पत्नी हैं। वर्तमान में बनर्जी व उनकी पत्नी डुफ्लो मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में अर्थशास्त्र के विभाग में प्रोफेसर हैं। वहीं, अर्थशास्त्र में नोबेल जीतने वाले तीसरे अर्थशास्त्री क्रेमर हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग में प्रोफेसर हैं।
पिछले दो दशकों में, तीनों के प्रयासों व रिसर्च के माध्यम से वैश्विक गरीबी से लड़ने के सर्वोत्तम तरीकों के बारे पता चला है। उनका काम अक्सर गरीबों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने में सबसे प्रभावी प्रयास साबित हुआ है।