DRDO की एक और कामयाबी, हाइपरसोनिक स्पीड से उड़ने वाले स्वदेशी मानवरहित स्क्रैमजेट प्रदर्शन विमान का परीक्षण सफल
By भाषा | Updated: June 12, 2019 18:50 IST2019-06-12T18:50:04+5:302019-06-12T18:50:04+5:30
रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह विमान हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली विकसित करने संबंधी देश के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का अहम हिस्सा है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के सूत्रों ने बताया कि यह परीक्षण डीआरडीओ ने बंगाल की खाड़ी में डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 25 मिनट पर किया।

इसका इस्तेमाल कम लागत में उपग्रहों के प्रक्षेपण में भी किया जा सकता है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
भारत ने ओडिशा तट के निकट एक बेस से हाइपरसोनिक गति से उड़ान के लिए स्वदेश में विकसित अपने मानवरहित स्क्रैमजेट प्रदर्शन विमान का बुधवार को पहला परीक्षण किया जो सफल रहा। रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह विमान हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली विकसित करने संबंधी देश के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का अहम हिस्सा है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के सूत्रों ने बताया कि यह परीक्षण डीआरडीओ ने बंगाल की खाड़ी में डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 25 मिनट पर किया।
उन्होंने कहा, ‘‘नयी तकनीक का परीक्षण किया गया। रडार से प्राप्त डेटा दिखाता है कि परीक्षण सफल रहा।’’ सूत्रों ने बताया कि डीआरडीओ के एचएसटीडीवी (हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक वाहन) कार्यक्रम के तहत करीब 20 सेकंड की कम अवधि के लिए स्क्रैमजेट प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करने के मकसद से एक प्रदर्शक उड़ान विमान की अवधारणा की गई है। इस अवधारणा के साकार होते ही भारत उन चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा जिनके पास इस प्रकार की तकनीक है।
सूत्रों ने बताया कि हाइपरसोनिक और लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों के लिए यान के तौर पर प्रयोग किए जाने के अलावा यह एक दोहरे उपयोग की प्रौद्योगिकी है जो कई असैन्य कार्यों में भी प्रयोग की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल कम लागत में उपग्रहों के प्रक्षेपण में भी किया जा सकता है।