नयी दिल्ली, चार अप्रैल उच्चतम न्यायालय की ई-कमेटी ने ई-कोर्ट परियोजना के तीसरे चरण के लिए दृष्टि पत्र की विशेषज्ञ समिति द्वारा तैयार एक मसौदा प्रस्ताव जारी किया है। इसमें ‘लाइव-स्ट्रीमिंग’ जैसी खुली डिजिटल सुनवाई और वकीलों एवं वादियों को अदालती कार्यवाही के लिखित विवरण उपलब्ध कराने सहित विभिन्न लक्ष्यों का उल्लेख किया गया है।
शीर्ष न्यायालय की ई-कमेटी ने तीसरे चरण के लिए दृष्टि पत्र को अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराया है और वकीलों एवं आम आदमी सहित, विभिन्न हितधारकों से सुझाव मांगे हैं।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली शीर्ष न्यायालय की ई-कमेटी के सदस्यों में न्यायिक, कानून और सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ शामिल हैं।
कमेटी ने 86 पृष्ठों के दस्तावेज में कहा है, ‘‘(ई-कोर्ट परियोजना के) तीसरे चरण को अवश्य ही विश्वास, सहानुभूति, पारदर्शिता के बुनियदी मूल्यों से संचालित एक आधुनिक न्याय व्यवस्था का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए, जो प्रौद्योगिकी का सकारात्मक उपयोग बढ़ाए और इसके खतरों और चुनौतियों को कम करे। ’’
इसमें एक उदाहरण देते हुए कहा गया है, ‘‘अदालत की रिकार्ड की गई कार्यवाही साझा करने लिए लाइव-स्ट्रीमिंग से अदालतों का कामकाज कहीं अधिक पारदर्शी बनेगा।’’
गौरतलब है कि ई-कोर्ट परियोजना 2005 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य देश में करीब 19,000 अदालतों की न्यायिक प्रशासन को डिजाटाइज करना है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।