सौ माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध के संबंध में मसौदा अधिसूचना जारी: केंद्र

By भाषा | Updated: August 15, 2021 16:19 IST2021-08-15T16:19:56+5:302021-08-15T16:19:56+5:30

Draft notification issued regarding ban on plastic with thickness less than 100 microns: Center | सौ माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध के संबंध में मसौदा अधिसूचना जारी: केंद्र

सौ माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध के संबंध में मसौदा अधिसूचना जारी: केंद्र

नयी दिल्ली, 15 अगस्त केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पीवीसी समेत प्लास्टिक की विभिन्न श्रेणियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक मसौदा अधिसूचना जारी कर सभी हितधारकों से आपत्तियां मांगी गई हैं।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी द्वारा यह जानकारी न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष दी गई।

पीठ ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद और विश्वास है कि भारत संघ मसौदा अधिसूचना पर आपत्तियों को अंतिम रूप देने के बाद उपयुक्त आदेश और निर्देश पारित करने के लिए आगे बढ़ेगा।’’

शीर्ष अदालत चुनाव के दौरान इस्तेमाल होने वाले बैनर या होर्डिंग के लिए पीवीसी और क्लोरीनयुक्त प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा जारी एक आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी।

एनजीटी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों एवं मुख्य चुनाव अधिकारियों को 17 जनवरी, 2019 को पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (एमओईएफ) द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया था।

याचिकाकर्ता, डब्ल्यू एडविन विल्सन ने दलील दी थी कि चुनाव के दौरान विज्ञापनों के लिए पीवीसी और क्लोरीनयुक्त प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए पर्यावरण मंत्रालय के वास्ते पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत कुछ निर्देश जारी करना आवश्यक है।

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग (ईसी) को इसे आदर्श आचार संहिता में शामिल करने के लिए सक्रिय कदम उठाना चाहिए और सभी संबंधित पक्षों को उपयुक्त निर्देश देना चाहिए।

चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि यह केंद्र पर है कि वह अधिनियम में आवश्यक संशोधन करे और इस स्तर पर चुनाव आयोग के लिए करने को कुछ भी नहीं है।

एनजीटी ने चुनाव आयोग और राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को चुनाव के दौरान प्लास्टिक, विशेष रूप से बैनर और होर्डिंग, के उपयोग के खिलाफ परामर्श के अनुपालन की निगरानी करने का निर्देश दिया था।

एनजीटी का आदेश तब आया जब उसे बताया गया कि पर्यावरण मंत्रालय ने राज्यों के मुख्य सचिवों और मुख्य चुनाव अधिकारियों को चुनाव प्रचार के दौरान वैकल्पिक विकल्पों का उपयोग करने के लिए कहा है।

मंत्रालय ने कहा कि उसने उन्हें पत्र लिखकर ‘कंपोस्टेबल’ प्लास्टिक, प्राकृतिक कपड़े, पुन: इस्तेमाल वाला कागज और अन्य पर्यावरण अनुकूल सामग्री का उपयोग करने के लिए कहा है।

एनजीटी ने कहा था, ‘‘इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पर्यावरण मंत्रालय के साथ-साथ चुनाव आयोग ने यह विचार किया है कि चुनावों के दौरान प्लास्टिक के उपयोग, विशेष रूप से बैनर या होर्डिंग, से बचने की जरूरत है, यह उचित होगा कि ऊपर उल्लिखित सलाह या निर्देशों के अनुपालन की भारत के चुनाव आयोग, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उचित निगरानी की जाए।

हरित अधिकरण ने एक याचिका पर यह निर्देश पारित किया था जिसमें पर्यावरण मंत्रालय और राज्यों को ‘शॉर्ट-लाइफ पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी), सिंथेटिक प्लास्टिक पॉलीमर’ और क्लोरीनयुक्त प्लास्टिक के उपयोग को प्रतिबंधित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

अधिवक्ता संजय उपाध्याय और सालिक शफीक के जरिये दायर याचिका में दावा किया गया था कि प्लास्टिक से बनी प्रचार सामग्री का इस्तेमाल चुनाव के दौरान किया जाता है और बाद में इसे कचरे के रूप में फेंक दिया जाता है जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है।

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Web Title: Draft notification issued regarding ban on plastic with thickness less than 100 microns: Center

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