लाइव न्यूज़ :

उच्च न्यायालयों को बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए राज्य सरकारों की दया पर न छोड़ें: शीर्ष अदालत ने केन्द्र से कहा

By भाषा | Updated: December 1, 2021 20:45 IST

Open in App

नयी दिल्ली, एक दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केंद्र से कहा कि न्यायिक बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए उच्च न्यायालयों को राज्य सरकारों की दया पर नहीं छोड़े। न्यायालय ने एक ऐसा केंद्रीकृत तंत्र विकसित करने के लिए कहा जिससे जरूरत और आवश्यकता के अनुसार पैसा सीधे उनके पास जाये।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कभी-कभी न्यायपालिका उसे आवंटित सारे धन का उपयोग करने में असमर्थ होती है। अदालत ने हल्के-फुल्के अंदाज में टिप्पणी की, ‘‘हम कह सकते हैं कि न्यायाधीश कंजूस हैं। वे नहीं जानते कि पैसा कैसे खर्च किया जाए।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि जिस समय सरकार व्यापार करने में आसानी, कॉर्पोरेट मामलों के त्वरित निपटान, मध्यस्थता के माध्यम से विवादों के निपटारे और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आमंत्रित करने की बात कर रही है, यह जरूरी है कि केंद्र के पास बुनियादी ढांचे के विकास और धन के आवंटन के लिए एक केंद्रीकृत तंत्र हो।

न्यायालय ने न्यायपालिका के कम्प्यूटरीकरण को अपने हाथ में लेने के केंद्र के प्रयासों की सराहना की, क्योंकि धन की कोई समस्या नहीं है, 17,000 अदालतों को कम्प्यूटरीकृत किया गया है और न्यायिक अधिकारियों को निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए लैपटॉप दिए गए हैं।

इसने कहा कि केंद्र एक व्यापक निकाय बनाने पर विचार कर सकता है जो आवश्यकतानुसार न्यायिक बुनियादी ढांचे के निर्माण को देखेगा।

न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने न्यायाधिकरणों के लिए विशिष्ट काडर बनाने की वकालत की और कहा कि केंद्र न्यायाधिकरण के प्रभावी प्रशासन के लिए एक अखिल भारतीय न्यायाधिकरण सेवा बनाने पर विचार कर सकता है।

पीठ ने कहा, “हमने पाया है कि केंद्र द्वारा धन आवंटित किए जाने पर बुनियादी ढांचे का काम तेजी से पूरा होता है। हम न्यायालय के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए धन के त्वरित आवंटन के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना करते हैं।’’

पीठ ने कहा, ‘‘हमने हाल में विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के साथ बैठक की और उन सभी ने एक बात कही कि उन्हें नहीं पता कि राज्य सरकार द्वारा कब धन आवंटित किया जाएगा। इसलिए, उच्च न्यायालयों को धन के लिए राज्य सरकारों की दया पर मत छोड़ो। आपको न्यायिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक केंद्रीकृत तंत्र बनाना चाहिए।”

उच्चतम न्यायालय राष्ट्रीय न्यायालय प्रबंधन प्रणाली के बारे में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ए.के.सीकरी की रिपोर्ट में की गयी सिफारिश पर विचार कर रही थी।

पीठ ने कहा, “आप देखिए, हमें अपना न्यायिक ढांचा अंग्रेजों से विरासत में मिला है। 1970 और 80 के दशक तक नई रिक्तियों को सृजित करके और उन्हें भरकर न्यायपालिका की ताकत बढ़ाने का दृष्टिकोण था।’’

पीठ ने कहा, ‘‘अब उस अवधि के बाद, न्यायपालिका और सरकार का दृष्टिकोण भी बदल गया है। अब जिस समय सरकार व्यापार करने में आसानी, कॉर्पोरेट मामलों के त्वरित निपटान, मध्यस्थता के माध्यम से विवादों के निपटारे और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आमंत्रित करने की बात कर रही है, वह अतिरिक्त बुनियादी ढांचे के निर्माण की आवश्यकता को भी समझती है।’’

पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज से कहा कि वह राष्ट्रीय न्यायिक अवसंरचना निगम, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर एक उप-समिति और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए धन के आवंटन के वास्ते एक केंद्रीय तंत्र जैसे एक निकाय के निर्माण पर निर्देश प्राप्त करें।

पीठ ने कहा, ‘‘हम न्यायिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के मामले को उठाने के लिए मुख्य न्यायाधीशों की पीठों का इंतजार नहीं कर सकते। कई मुख्य न्यायाधीशों की पीठों ने अतीत में कुछ निर्देश पारित किए हैं। कुछ मुख्य न्यायाधीशों का कार्यकाल लंबा होता है और कुछ का कार्यकाल कम होता है। मामले को आगे बढ़ाना बहुत मुश्किल है।’’

इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहीं वरिष्ठ अधिवक्ता विभा मखीजा ने कहा कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर उप समिति के सृजन से बुनियादी सुविधाओं के सृजन में मदद मिलेगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटसबसे आगे विराट कोहली, 20 बार प्लेयर ऑफ़ द सीरीज पुरस्कार, देखिए लिस्ट में किसे पीछे छोड़ा

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

क्रिकेटYashasvi Jaiswal maiden century: टेस्ट, टी20 और वनडे में शतक लगाने वाले छठे भारतीय, 111 गेंद में 100 रन

क्रिकेटVIRAT KOHLI IND vs SA 3rd ODI: 3 मैच, 258 गेंद, 305 रन, 12 छक्के और 24 चौके, रांची, रायपुर और विशाखापत्तनम में किंग विराट कोहली का बल्ला

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत