श्रीनगर, 28 नवंबर: जम्मू कश्मीर में पैलेट गन की गोली की शिकार हुई 18 माह की बच्ची हिबा निसार की दायीं आंख की सर्जरी के बाद अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई है लेकिन चिकित्सकों को अभी यह नहीं पता है कि उसकी आंखों की रोशनी पूरी तरह से वापस आएगी या नहीं. शोपियां की रहने वाली हिबा की मां मरसला जान कहती हैं कि जब सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, उस समय उनकी बच्ची घर के अंदर खेल रही थी.
यह झड़प रविवार को एक मुठभेड़ में छह आतंकवादियों के मारे जाने के विरोध में हुई थी. जान कहतीं हैं, मुठभेड़ स्थल यूं तो हमारे घर से काफी दूर है लेकिन यह झड़प हमारे घर के नजदीक हुई. पहले तो हमारे ईद-गिर्द आंसू गैस का धुआं फैल गया जिससे हिबा को खांसी आने लगी, इसके बाद एक तेज आवाज आई. हिबा की आंख में पैलेट गन की गोली लग गई. यह गोली हमारे घर की दिशा में चलाई गई थी.
एसएमएचएस अस्पाल के चिकित्सकों ने बताया कि हिबा की आंख गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई थी और उसकी सर्जरी की गई है. हिबा का उपचार करने वाले चिकित्सक ने बताया, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि उसकी आंखों की पूरी रोशनी लौट आएगी. इस उपचार की प्रक्रिया काफी लंबी है और हिबा के माता पिता को बहुत एहतियात बरतने पड़ेंगे जिससे उसे किसी प्रकार की जटिलता नहीं हो. दो मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने सरकार से हिबा को मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपए देने की मांग की है.