सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी स्थित नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें वह PPE (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विप्मेंट्स), लेबोरेटरी ग्लास और सर्जिकल/ N95 मास्क की जगह बेडशीट के मास्क, सनग्लास और रेनकोट इस्तेमाल कर रहे हैं। यही नहीं, यहां पर डॉक्टरों ने दावा किया है कि उन्हें कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों को देखने के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विप्मेंट्स नहीं मिले हैं, बल्कि उनसे बेडशीट के मास्क, सनग्लास और रेनकोट इस्तेमाल करने को कहा गया है।
इस मामले में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर शहरियार आलम का कहना है कि वो लोग MSVP (मेडिकल सुपरिंटेंडेंट कम वाइस प्रिंसिपल) से मिले थे। उन्होंने डॉक्टरों को बताया कि पीपीई की कोई आपूर्ति नहीं है और इसे लेकर एक अनुरोध भेजा गया है। ऐसे में जब हम लोगों ने उन पर दबाव बनाया तो उन्होंने हमसे ड्यूटी पर न आने को कह दिया।
दरअसल, डॉक्टर का आरोप है कि कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने के लिए उन्हें पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विप्मेंट्स के साथ लेबोरेटरी ग्लास और सर्जिकल/ N95 मास्क की जरुरत है, लेकिन इसके बदले में उन्हें रेनकोट और धूप के चश्मे का एक पैकेट दिया गया। यही नहीं, इस रेनकोट को धोने और उसे दोबारा इस्तेमाल करने को भी कहा गया है।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में अब तक 37 हजार से अधिक लोग मौत की नींद सो चुके हैं। इस घातक वायरस का प्रकोप भारत में भी जबरदस्त तरीके से देखने को मिल रहा है। देश में अब तक कुल 1337 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं और 32 लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में कोविड-19 (COVID-19) के खिलाफ जंग लड़ रहे डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को जरूरी किट नहीं मिल पा रहा है।