पश्चिम बंगाल में हुई मारपीट के विरोध में मध्य प्रदेश में भी हड़ताल, परेशान हुए मरीज

By राजेंद्र पाराशर | Published: June 18, 2019 03:36 AM2019-06-18T03:36:33+5:302019-06-18T03:36:33+5:30

राजधानी के हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल सहित निजी अस्पतालों की ओपीडी में भी मरीजों को आज हड़ताल की वजह से इलाज नहीं मिला. मरीज जांचों और उपचार के लिए डाक्टरों का इंतजार करते रहे, इसके साथ ही हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल में आॅपरेशन भी नहीं हुए. सभी आपरेशन टाल दिए गए.

Docters' Strike: Strike, distressed patients in Madhya Pradesh, in protest against violence in West Bengal | पश्चिम बंगाल में हुई मारपीट के विरोध में मध्य प्रदेश में भी हड़ताल, परेशान हुए मरीज

पश्चिम बंगाल में हुई मारपीट के विरोध में मध्य प्रदेश में भी हड़ताल, परेशान हुए मरीज

Highlightsडाक्टर सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं देते रहे.हड़ताल के समर्थन में आज सुबह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के इंदौर चैप्टर ने एक रैली निकाली.

पश्चिम बंगाल में डाक्टर से हुई मारपीट के विरोध में मध्यप्रदेश के डाक्टर भी आज हड़ताल पर रहे. हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी असर पड़ा. सुबह से ही ओपीडी में डाक्टर मौजूद नही थे, जिसके चलते मरीज परेशान होते रहे. इसी बीच प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने इस हड़ताल को राजनैतिक रुप करार दिया है.

राजधानी के हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल सहित निजी अस्पतालों की ओपीडी में भी मरीजों को आज हड़ताल की वजह से इलाज नहीं मिला. मरीज जांचों और उपचार के लिए डाक्टरों का इंतजार करते रहे, इसके साथ ही हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल में आॅपरेशन भी नहीं हुए. सभी आपरेशन टाल दिए गए. डाक्टर सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं देते रहे. गांधी मेडिकल कालेज से संबद्ध हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल में भी ओपीडी का बहिष्कार किया.

हड़ताल के समर्थन में आज सुबह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के इंदौर चैप्टर ने एक रैली निकाली. विरोध जताते हुए न्याय की मांग की और नुक्कड़ नाटक कर मरीज और डॉक्टरों के बीच विवाद की स्थिति को समझाने की कोशिश की. इंदौर के अलावा रतलाम में विरोधस्वरूप डाक्टरों ने हेलमेट पहनकर मरीजों का इलाज किया. इसके अलावा प्रदेशभर में आज हड़ताल के चलते मरीज परेशान होते नजर आए. राजधानी में हमीदिया अस्पताल से लेकर कमिश्नर कार्यालय तक चिकित्सकों ने रैली निकालकर विरोध जताया.

प्रदेश में सुरक्षा कानून है फिर हड़ताल क्यों?

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने डाक्टरों की हड़ताल को लेकर ट्वीट करके कहा है कि जब मध्यप्रदेश में डाक्टर की सुरक्षा का कानून है तो फिर हड़ताल क्यों की जा रही है.उन्होंने कहा है कि हड़ताल को लेकर राजनीतिक रूप दिया जा रहा है जोकी पूरी तरह अनुचित है. मध्यप्रदेश शासन को कानून को सख़्ती से लागू करना चाहिए. मरीजों का इलाज डाक्टर का प्रथम दायित्व है, जो इसे राजनैतिक रूप दिया जा रहा है वह अनुचित है.

राजनीति से प्रेरित है हड़ताल

डाक्टरों की हड़ताल को उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने राजनीति से प्रेरित बताया. पश्चिम बंगाल में हुए घटना की निंदा की और कहा कि केंद्र की राजनीति से केंद्रीत होकर इस तरह का आंदोलन होना गलत है. मध्यप्रदेश में डाक्टरों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है. केंद्र की राजनीति से प्रेरित होकर इस तरह की हड़ताल को मैं जायज नहीं मानता हूं, जो लोग दूसरों की जान को बचाने का काम करते हैं उनकी जान-माल की रक्षा करना हमारा दायित्व है.

Web Title: Docters' Strike: Strike, distressed patients in Madhya Pradesh, in protest against violence in West Bengal

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