लापरवाही नहीं बरतें, कोविड-19 महामारी खत्म नहीं हुई है : केंद्र ने बढ़ते मामलों पर कहा

By भाषा | Updated: March 11, 2021 19:10 IST2021-03-11T19:10:45+5:302021-03-11T19:10:45+5:30

Do not be careless, Kovid-19 epidemic is not over: Center says on increasing cases | लापरवाही नहीं बरतें, कोविड-19 महामारी खत्म नहीं हुई है : केंद्र ने बढ़ते मामलों पर कहा

लापरवाही नहीं बरतें, कोविड-19 महामारी खत्म नहीं हुई है : केंद्र ने बढ़ते मामलों पर कहा

नयी दिल्ली, 11 मार्च महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों में कोविड-19 के उपचाराधीन मामलों में बढ़ोतरी पर चिंता प्रकट करते हुए बृहस्पतिवार को केंद्र ने लोगों को ‘‘सावधान और सतर्क’’ रहने तथा लापरवाही नहीं बरतने की सलाह दी क्योंकि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में खासकर महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की स्थिति को ‘‘चिंताजनक’’ बताया।

उन्होंने 15 से 21 मार्च तक नागपुर में लगाए गए लॉकडाउन का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हम ऐसे हालात में पहुंच रहे हैं जहां (कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए) फिर से ये कदम उठाए गए हैं।’’

पॉल ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में मामलों में बढ़ोतरी पर हम बहुत चिंतित हैं। इस वायरस को हल्के में नहीं लें। यह अनपेक्षित रूप से आ सकता है। अगर हमें संक्रमण से मुक्त रहना है तो कोविड-19 के संदर्भ में उचित तौर-तरीका, रोकथाम रणनीति अपनाने के साथ टीकाकरण का रास्ता अपनाना होगा।’’

उन्होंने सलाह दी कि ऐसे जिले जहां पर कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं वहां पर पात्र लोगों के टीकाकरण के काम में तेजी लानी होगी।

दिल्ली और आसपास के इलाके के लिए आगाह करते हुए पॉल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण दर बढ़ रही है और यही हाल गुरुग्राम, फरीदाबाद और गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद का भी है।

उन्होंने कहा, ‘‘सावधान रहें, सतर्क रहें। अब भी बड़ी आबादी के संक्रमित होने का खतरा है। महामारी अभी खत्म नहीं हुई है।’’

पॉल ने कहा, ‘‘आज टीकाकरण की बदौलत हम ऐसी स्थिति में हैं जहां (महामारी से) अच्छी तरह मुकाबला कर सकते हैं। हमें फिर से संकल्प लेना होगा, ढिलाई नहीं बरतें और उपलब्ध टीके की खुराक लें।’’

मामलों में वृद्धि के लिए क्या कोरोना वायरस का बदला हुआ स्वरूप जिम्मेदार है, यह पूछे जाने पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि महाराष्ट्र में मामलों बढ़ोतरी के पीछे यह कारण नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस वक्त जांच, संक्रमितों के संपर्क का पता लगाने में कमी, कोविड-19 को लेकर उचित तौर तरीका नहीं अपनाने और बड़ा जमावड़ा कारण है।’’

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि नागपुर, पुणे, ठाणे, मुंबई, बेंगलुरु शहरी, एर्नाकुलम, अमरावती, जलगांव, नासिक और औरंगाबाद जिलों में कोविड-19 के सबसे ज्यादा उपचाराधीन मरीज हैं।

भूषण ने कहा केरल में 11 फरवरी को 64,607 उपचाराधीन मरीज थे जो अब घटकर 35,715 रह गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसकी सराहना करनी चाहिए।’’

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी को 3256 मामले थे जो 11 मार्च को घटकर 1689 रह गए। पश्चिम बंगाल में भी उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4300 से घटकर 3127 हो गयी है।

भूषण ने कहा कि हालांकि महाराष्ट्र में 11 फरवरी को 36,917 मरीज थे जिनकी संख्या बढ़कर अब एक लाख से ज्यादा हो गयी है। पंजाब में 2100 मामले थे जो अब 9400 पर पहुंचने को है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा संक्रमण के मामले में परिवर्तन वाले बिंदु पर हैं। वहां अभी मामले नहीं बढ़े हैं। लेकिन मामलों की संख्या में वृद्धि के शुरुआती संकेत से हमने तीन बैठकें कीं जिसमें राज्यों से जांच, निगरानी, निषिद्ध क्षेत्र बढ़ाने को कहा गया।’’

भूषण ने संवाददाता सम्मेलन में सूचित किया कि बृहस्पतिवार दोपहर एक बजे तक कोविड-19 टीकों की 2,56,90,545 खुराकें दी गयी हैं। इनमें 67,86,086 बुजुर्ग और विभिन्न रोगों से ग्रस्त 45-60 उम्र समूह वाले लोग थे।

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