खारसरोटा के पानी का रुख मोड़े जाने से भितरकणिका को होगी अपूरणीय क्षति: पर्यावरण कार्यकर्ता

By भाषा | Updated: September 4, 2021 01:15 IST2021-09-04T01:15:14+5:302021-09-04T01:15:14+5:30

Diversion of Kharsrota water will cause irreparable damage to Bhitarkanika: Environmental activist | खारसरोटा के पानी का रुख मोड़े जाने से भितरकणिका को होगी अपूरणीय क्षति: पर्यावरण कार्यकर्ता

खारसरोटा के पानी का रुख मोड़े जाने से भितरकणिका को होगी अपूरणीय क्षति: पर्यावरण कार्यकर्ता

पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को आगाह किया कि प्रस्तावित व्यापक पेयजल परियोजना के लिए ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में खारसरोटा नदी प्रणाली से पानी का रास्ता मोड़ने से भितरकणिका राष्ट्रीय उद्यान में संवेदनशील मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता बिस्वजीत मोहंती ने एक बयान में कहा कि देश में दूसरा सबसे बड़ा मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र वाला भितरकणिका वन ब्राह्मणी नदी बेसिन से पानी के मार्ग को मोड़ने के कारण अब गंभीर खतरे में है। पर्यावरण संरक्षण से जुड़े संगठन वाइल्डलाइफ सोसाइटी ऑफ ओडिशा के सचिव मोहंती ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने आने वाली पीढ़ियों के लिए आर्द्रभूमि के संरक्षण की आवश्यकता की अनदेखी की है, जबकि यह एक अधिसूचित रामसर कन्वेंशन साइट है। प्रस्तावित 892 करोड़ रुपये की परियोजना, ब्राह्मणी नदी की एक सहायक नदी, खारसरोटा से पड़ोसी भद्रक जिले में पाइपलाइन से आपूर्ति के लिए पानी खींचेगी, जहां भूजल बहुत अधिक खारा है। इस परियोजना के कारण एक महीने तक केंद्रपाड़ा जिले में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ है और राजकणिका प्रखंड के बालकाटी, भरीगड़ा और बरुनाडीहा पंचायत क्षेत्रों में आठ अक्टूबर तक निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है।

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Web Title: Diversion of Kharsrota water will cause irreparable damage to Bhitarkanika: Environmental activist

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