एआईएमपीएलबी एवं सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के बीच अयोध्या में बनने वाले मस्जिद पर विवाद

By भाषा | Updated: December 24, 2020 00:16 IST2020-12-24T00:16:10+5:302020-12-24T00:16:10+5:30

Dispute over mosque to be built in Ayodhya between AIMPLB and Sunni Central Waqf Board | एआईएमपीएलबी एवं सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के बीच अयोध्या में बनने वाले मस्जिद पर विवाद

एआईएमपीएलबी एवं सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के बीच अयोध्या में बनने वाले मस्जिद पर विवाद

अयोध्या, 23 दिसंबर अयोध्या के धन्नीपुर गांव में विशाल मस्जिद के प्रस्तावित निर्माण को एआईएमपीएलबी के दो सदस्यों ने जहां वक्फ कानून एवं शरीया कानून के खिलाफ करार दिया है वहीं सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बुधवार को जोर देकर कहा कि बनने वाली मस्जिद पूरी तरह से कानूनी है ।

अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य जफरयाब जिलानी ने बुधवार को कहा कि पिछले साल के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद वक्फ कानून के खिलाफ है और शरीया कानून के अनुसार ‘‘अवैध’’ है ।

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक रहे जिलानी ने कहा, ‘‘वक्फ कानून के अनुसार मस्जिद अथवा मस्जिद की जमीन की अदला बदली नहीं हो सकती है। अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद इस कानून का उल्लंघन करती है । यह शरीया कानून का भी उल्लंघन करती है।’’

जिलानी के आरोपों का जवाब देते हुये सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफार फारूकी ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि यह भूमि के टुकड़े की अदला बदली नहीं है ।

उन्होंने इंगित किया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुपालन में धन्नीपुर गांव की जमीन उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को आवंटित की गयी है और बोर्ड ने स्टाम्प ड्यूटी चुका कर इसे कब्जे में लिया है ।

उन्होंने कहा, ‘‘बोर्ड ने इसके लिये नौ लाख 29 हजार 400 रुपये की स्टाम्प ड्यूटी चुकायी है ।’’ उन्होंने कहा कि यह संपत्ति अब वक्फ बोर्ड की है ।

अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिये बने एक ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने जिलानी के आरोपों को खारिज करते हुये कहा कि हर व्यक्ति अपने तरीके से शरीया कानून की व्यख्या करता है ।

हुसैन ने कहा, ‘‘शरीया कानून की व्याख्या करने की शक्ति कुछ सीमित लोगों के हाथों में नहीं है । मस्जिद नमाज अदा करने की जगह है । इसलिये मस्जिद के निर्माण में गलत क्या है ।’’

जिलानी के आरोपों पर जवाब देते हुये हुसैन ने उन पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया ।

उन्होंने कहा, ‘‘जिलानी साहब एक सक्षम अधिवक्ता हैं । अगर हम लोग सेंट्रल वक्फ कानून जैसे किसी कानून का उल्लंघन कर रहे हैं तो वह इसे किसी अदालत में चुनौती क्यों नहीं देते हैं ।’’

अखिल भारतीाय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एक अन्य कार्यकारी सदस्य एस क्यू आर इलियास ने इससे पहले वक्फ बोर्ड पर सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए प्रस्तावित मस्जिद को केवल प्रतीकात्मक मूल्य के रूप में करार दिया था।

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