नयी दिल्ली, 19 दिसंबर दिल्ली के जंतर मंतर पर रविवार को करीब 30 छात्र संगठनों, आरडब्ल्यूए,शिक्षकों के संगठनों के सदस्यों और बुद्धिजीवियों यहां जंतर-मंतर पर इकट्ठा होकर ‘ रोजगार संसद’ में हिस्सा लिया और इस दौरान नागरिकों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिये दबाव बनाने के वास्ते थिंक टैंक ‘ देश की बात फाउंडेशन’ की ओर से तैयार ‘राष्ट्रीय रोजगार नीति’ के मसौदे पर चर्चा की।
कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि ‘‘राष्ट्रीय रोजगार नीति’ के मसौदे को 20 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया जाएगा और अगले साल 23 से 25 मार्च के बीच शहर में ‘‘राष्ट्रीय रोजगार सम्मेलन’ का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सभी दलों के सांसदों को भी 26 जनवरी तक मसौदे की प्रति दी जाएगी।
एक आधिकारिक बयान में यहां बताया गया कि दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री और ‘देश की बात फाउंडेशन’ के संस्थापक गोपाल राय ने भी ‘ रोजगार संसद’ में हिस्सा लिया और कहा कि लाखों खाली पड़े सरकारी पदों को भरा नहीं जा रहा है।
राय ने वहां जमा लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश इस समय बेरोजगारी के गंभीर संकट से गुजर रहा है। बड़ी-बड़ी डिग्री होने के बावजूद युवा काम के लिए दर-दर भटक रहा है।
राय ने कहा, ‘‘नए रोजगार सृजित करना तो दूर, देशभर में खाली लाखों सरकारी पदों पर भर्ती नहीं हो रही है। जहां पर भर्ती हो रही है, वहां भी वह संविदा पर हो रही है, जिसकी वजह से लोगों के लिए काम करने के बावजूद सम्मान जनक जीवन बिताना मुश्किल हो गया है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।