चेन्नईः तमिलनाडु के डिंडीगुल में दो बच्चों की मां की मौत हो गई तो बच्चे इसी उम्मीद में इंतजार करते रहे कि भगवान उसकी आत्मा को वापस कर देंगे.
एक पुजारी उन बच्चों को दिलासा देता रहा कि पूजा करने से भगवान उनकी मां को वापस भेज देगा. इंदिरा नामक महिला पुलिस थाने में हेड कांस्टेबल थी. कुछ वर्ष पहले वह अपने बच्चों को लेकर पति से अलग हो गई थी. इंदिरा के 13 वर्ष का बेटा और एक 9 वर्ष की बेटी है.
गुर्दे की तकलीफ के कारण इंदिरा ने कुछ समय पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए पुलिस विभाग में अनुरोध किया था. कुछ दिनों से वह पुलिस स्टेशन नहीं आ रही थी. जिसके बाद एक महिला कांस्टेबल इंदिरा के घर जानकारी लेने के लिए पहुंची. घर के अंदर उसे दोनों बच्चे मिले. घर के अंदर से बदबू आ रही थी.
कांस्टेबल को शक हुआ और उसने अधिकारियों को सूचित किया. जांच में पता चला कि इंदिरा की 20 दिन पहले हो चुकी है. उसके आसपास पूजा आदि की सामग्री पड़ी हुई थी. पुजारी सुदर्शन की सलाह पर उसे अस्पताल नहीं ले जाया गया. पुजारी ने बच्चों और इंदिरा की बहन से कहा कि वे इंदिरा को अस्पताल न ले जाएं अन्यथा भगवान इंदिरा की रक्षा नहीं करेंगे.
सुदर्शन भी तब से लेकर अब तक परिवार के साथ ही घर में रु का रहा. घर को बाहर से बंद करने के बाद 20 दिनों तक इंदिरा की आत्मा वापस लाने के लिए पूजा की जाती रही. मां सो रही है पुलिस खुद को तब और अधिक असहाय महसूस करने लगी जब इंदिरा के बच्चे पुलिस से कहने लगे कि कोई उनकी मां को परेशान न करे, वो केवल सो रही है. पुलिस ने पुजारी सुदर्शन और इंदिरा की बहन को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है.