छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को सहेजने के लिए तैयार होगी डिजिटल लाइब्रेरी

By भाषा | Updated: July 7, 2021 12:53 IST2021-07-07T12:53:18+5:302021-07-07T12:53:18+5:30

Digital library will be ready to save the folk culture of Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को सहेजने के लिए तैयार होगी डिजिटल लाइब्रेरी

छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को सहेजने के लिए तैयार होगी डिजिटल लाइब्रेरी

रायपुर, सात जुलाई छत्तीसगढ़ सरकार राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति को सहेजने के लिए डिजिटल लाइब्रेरी तैयार करेगी।

राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की वैभवशाली और समृद्ध संस्कृति के विभिन्न आयामों को सहेजने के लिए डिजिटल लाईब्रेरी तैयार करने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि इससे विश्व पटल पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति को नई पहचान दिलाने में और भावी पीढ़ी को अपनी संस्कृति से परिचित कराने में सहायता मिलेगी।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मंगलवार को संस्कृति विभाग के काम-काज की समीक्षा बैठक में निर्देश दिया कि लोक संगीत, लोक नृत्य, लोक साहित्य सहित विभिन्न विधाओं के कलाकारों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां इस डिजिटल लाईब्रेरी में विशेषज्ञों की सहायता से संकलित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति में अनेक वाद्ययंत्रों का प्रचलन रहा है लेकिन बहुत से लोगों को अब इनकी जानकारी नहीं है। ऐसे वाद्य यंत्रों की जानकारियां उनके नाम, बजाने की विधि आदि की जानकारी रिकॉर्ड कर डिजिटल रूप से संग्रहित की जानी चाहिए। छत्तीसगढ़ के विभिन्न अंचलों के लोक नृत्यों, लोक कलाकारों के संबंध में भी जानकारी एकत्र की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना सहित संस्कृति विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे अधिक से अधिक युवा कलाकारों को प्रोत्साहन दिया जाए। साथ ही कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि शासकीय सांस्कृतिक कार्यक्रम केवल स्थापित कलाकारों को ही न मिले। नए और युवा कलाकारों और लोककला दलों को भी काम दिया जाए।

अधिकारियों ने बताया कि संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी ने बैठक में जानकारी दी कि राज्य में लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना, मानस मंडली प्रोत्साहन योजना, आर्थिक रूप से कमजोर होनहार कलाकारों के लिए छात्रवृत्ति योजना प्रारंभ की गई है।

अधिकारी ने बताया कि राज्य में विभाग द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर लेखकों और कलाकारों को मासिक पेंशन दी जा रही है। कलाकार कल्याण कोष (चिकित्सा अनुदान) के तहत गंभीर बीमारी, दुर्घटना, मृत्यु पर अधिकतम 25 हजार रुपए की सहायता दी जाती है। वहीं लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना के तहत प्रत्येक वर्ष 100 लोक कलाकारों को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है।

अधिकारी ने बताया कि राज्य में मानस मंडली प्रोत्साहन योजना 2021 के तहत ग्राम पंचायत, प्रखंड स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर पर पंजीकृत रामायण मंडलियों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी और प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले रामायण मंडलियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

संस्कृति विभाग के सचिव ने बताया कि राजधानी रायपुर में स्वामी विवेकानंद के रायपुर प्रवास की स्मृतियों को सहेजने के लिए स्वामी विवेकानंद स्मारक भवन (डे-भवन) तैयार किया जा रहा है। इसमें स्वामी विवेकानंद की जीवनी, उनकी आध्यात्मिक यात्रा, रायपुर प्रवास, स्वामी विवेकानंद के विदेश प्रवास और भारतीय संस्कृति पर उनके प्रभाव को प्रदर्शित करने के लिए अलग-अलग विथिकाएं बनाई जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि नवा रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक अंतरिक्ष केन्द्र विकसित किया जाएगा, जिसमें पुरखौती मुक्तांगन संग्रहालय परिसर में 10-10 एकड़ क्षेत्र में भारत भवन, मानव संग्रहालय भवन, अभिलेखागार भवन बनाए जाएंगे।

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Web Title: Digital library will be ready to save the folk culture of Chhattisgarh

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