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ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल इंडिया, सीएससी ने महाराष्ट्र सहित 10 राज्यों में शुरू किए आईसीटी प्री-स्कूल

By एसके गुप्ता | Updated: July 7, 2020 18:28 IST

बाल विद्यालयों में गरीब और वंचितों के लिए डिजिटल मोड पर शिक्षा दी जाएगी। महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हरियाणा,  झारखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और तमिलनाडु सहित दस राज्यों के 21 जिलों में इन बाल विद्यालयों की शुरुआत की गई है।

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ठळक मुद्देसीएससी के सीईओ डा. दिनेश कुमार त्यागी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल विभाजन को पाटने के लिए बाल विद्यालय की अवधारणा शुरू की गई है। शुरुआती चरण में हमने उन सीएससी के साथ शुरुआत की है जो स्कूल की गतिविधियों से जुड़े हैं।सीएससी बाल विद्यालय प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं, वे बच्चे को शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय सीखने में सक्षम बनाते हैं।

नई दिल्लीः ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल इंडिया की खाई पाटने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) ने महाराष्ट्र सहित दस राज्यों में आईसीटी प्री-स्कूल शुरू किए हैं।

इन बाल विद्यालयों में गरीब और वंचितों के लिए डिजिटल मोड पर शिक्षा दी जाएगी। महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हरियाणा,  झारखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और तमिलनाडु सहित दस राज्यों के 21 जिलों में इन बाल विद्यालयों की शुरुआत की गई है।

सीएससी के सीईओ डा. दिनेश कुमार त्यागी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल विभाजन को पाटने के लिए बाल विद्यालय की अवधारणा शुरू की गई है। शुरुआती चरण में हमने उन सीएससी के साथ शुरुआत की है जो स्कूल की गतिविधियों से जुड़े हैं।

सीएससी बाल विद्यालय अन्य स्कूलों से कैसे अलग हैं के जवाब में त्यागी ने कहा कि सीएससी बाल विद्यालय प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं, वे बच्चे को शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय सीखने में सक्षम बनाते हैं। तकनीक के इस्तेमाल से बच्चा तेजी से सीख सकता है।

गांवों में सीएससी बाल विद्यालय के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। क्योंकि गांवों में प्रौद्योगिकी उपकरणों और अच्छे शिक्षकों की पहुंच छात्रों तक कम हैं। अच्छे शिक्षकों के व्याख्यान और पढ़ाने के तरीके डिजिटल मोड पर उपलब्ध कराकर इस कमी को दूर किया जाएगा।

डा. त्यागी ने कहा कि बाल विद्यालय के छात्र डिजिटल समावेश को आगे बढ़ाने के साथ राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हमारा लक्ष्य है कि मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक देश में 700 विद्यालय यानि हर जिले में बाल विद्यालय की शुरुआत करना है। आगे चलकर हर प्रखंड तक इनका विस्तार करना है।

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