धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "सरकार दोबारा इतिहास नहीं लिखेगी लेकिन सभी ‘ऐतिहासिक सत्य’ को सामने लाएगी"
By भाषा | Updated: April 12, 2022 22:11 IST2022-04-12T22:07:43+5:302022-04-12T22:11:09+5:30
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सदी दर सदी लाखों लोगों ने देश की सभ्यता को बचाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, लेकिन इन लोगों को इतिहास का हिस्सा नहीं बनाया गया।

फाइल फोटो
दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि सरकार इतिहास को दोबारा नहीं लिखेगी, लेकिन इतिहास के गुमनाम नायकों और भुला दिये गये हस्तियों को शामिल करेगी। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि गुमनाम नायक और नेता देश के इतिहास में जल्द ही स्थान पायेंगे।
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सदी दर सदी लाखों लोगों ने देश की सभ्यता को बचाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, लेकिन इन लोगों को इतिहास का हिस्सा नहीं बनाया गया।
उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के बाद इसके इतिहास को ‘कुछ घंटों, कुछ सालों, केवल तीन-चार परिवारों’ तक सीमित करने का प्रयास किया गया। हालांकि भारत के इतिहास के कम से कम 2,500 वर्षों से संबंधित साहित्य उपलब्ध थे।
मंत्री ने कहा कि समय आ गया है कि उन गुमनाम नायकों और भूले-बिसरे नेताओं को देश के इतिहास का हिस्सा बनाया जाए। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, बीरबल, टोडरमल और चाणक्य के बारे में पढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोगों का एक वर्ग सोचता है कि सरकार देश का इतिहास बदलना चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम बदलाव नहीं चाहते। मैं यहां इस मंच पर पूरी जिम्मेदारी के साथ यह बात कह रहा हूं। हम इतिहास को दोबारा नहीं लिखेंगे। हम इतिहास नहीं बदलेंगे। हम सभी ऐतिहासिक सत्यों को सबके सामने लाएंगे। हम एक बड़ी रेखा खींचेंगे।’’
उन्होंने कहा कि किसी को कमतर करने जरूरत नहीं है। प्रधान ने पूरे समाज से आगे बढ़कर इस काम में शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘यह केवल सरकार या एक व्यक्ति का काम नहीं है।’’
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह बातें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एसएन अग्रवाल द्वारा दो भाग में लिखित 'द रिवॉल्यूशनरीज: शेड देयर ब्लड फॉर इंडियाज इंडिपेंडेंस' नामक पुस्तक के अनावरण कार्यक्रम में कही।