लगातार इमरजेंसी लैंडिंग का शिकार हो रहे स्पाइस जेट को डीजीसीए ने दी सुरक्षा क्लीयरेंस, बताया 48 विमानों को 53 बार चेक किया है
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 25, 2022 08:48 PM2022-07-25T20:48:21+5:302022-07-25T20:52:38+5:30
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने राज्यसभा में बताया कि बीते 9 से 13 जुलाई के बीच डीजीसीए ने कुल 48 स्पाइसजेट विमानों की 53 दफे जांच की लेकिन डीजीसीए को उन विमानों में कोई बड़ी समस्या नहीं मिली।
दिल्ली: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) विमानन सेवा स्पाइस जेट के कुल 48 विमानों का औकच निरीक्षण किया, जिसमें उन्हें कोई बड़ी खामी नहीं मिली है। इस मामले में सोमवार को जानकारी देते हुए नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने सोमवार को कहा कि बीते 9 से 13 जुलाई के बीच डीजीसीए ने कुल 48 स्पाइसजेट विमानों की 53 दफे जांच की लेकिन डीजीसीए को उन विमानों में कोई बड़ी समस्या नहीं मिली।
जनरल वीके सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा, "उड़ान की सुरक्षा उपाय के तहत नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने स्पाइसजेट को आदेश दिया है कि वह कुछ पहचाने गए विमानों, जिनकी संख्या 10 है। उनका उड़ानों के लिए तभी उपयोग करें, जब उन्हें पूरी तरह से ठीक कर लिया जाता है।
मालूम हो कि स्पाइसजेट के विमान 19 जून से लगातार 18 दिनों की अवधि में कम से कम आठ बार तकनीकी खराबी के कारण खबरों में आये थे। जिसके बाद डीजीसीए ने 6 जुलाई को एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि "खराब आंतरिक सुरक्षा निरीक्षण" और उससे संबंदित कंपनी की "अपर्याप्त" कार्रवाइयों" के कारण सुरक्षा परिणामों में गिरावट आई है।
राज्यसभा में जनरल सिंह ने कहा कि स्पाइस जेट को नोटिस जारी करने के तीन दिन बाद ही डीजीसीए ने कंपनी के सभी विमानों की जांच शुरू कर दी थी और उन्हें 13 जुलाई तक पूरी भी कर लिया गया। इसके साथ ही मंत्री वीके सिंह ने कहा, "स्पाइस जेट के कुल 48 विमानों की 53 बार जांच की गई, जिसमें कोई बड़ी महत्वपूर्ण सुरक्षा उल्लंघन नहीं पाया गया।"
डीजीसीए, जो भारतीय विमानों की उड़ानों की नियामक संस्था है वो विमानन कंपनी के बेड़े में शामिल विमानों को सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए या फिर उस संबंध में आवश्यक निर्णय लेने की संक्षम इकाई है। वो एयरलाइंस कंपनियों को सुधारात्मक कार्रवाई, उनकी समीक्षा और उन्हें चेतावनी देने सहित अन्य आवश्यक कार्रवाई कर सकती रहै। इसमें व्यक्ति या एयरलाइन का निलंबन, उन्हें रद्द करना या वित्तीय दंड लगाना भी शामिल है।
6 जुलाई को स्पाइसजेट को अपने नोटिस में डीजीसीए ने कहा था कि स्पाइस जेट एयरलाइन विमान नियम, 1937 के तहत "सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय हवाई सेवाएं स्थापित करने" में विफल रही है। इसके अलावा नोटिस में यह भी कहा गया था कि घटनाओं की समीक्षा से पता चलता है कि खराब आंतरिक सुरक्षा निरीक्षण और अपर्याप्त रखरखाव के कारण अधिकांश घटनाएं घटित हुई हैं। डीजीसीए ने स्पाइस जेट को नोटिस का जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था।
मालूम हो कि बीते 5 जुलाई को स्पाइसजेट का मालवाहक विमान, जो चीन में चोंगकिंग की ओर जा रहा था। उसे इमरजेंसी लैंडिंग करते हुए कोलकाता लौटना पड़ा था क्योंकि पायलटों को उड़ान के बाद एहसास हुआ कि उस मौसम में विमान का रडार काम नहीं कर रहा था।
वहीं 5 जुलाई को ही श्पाइस जेट एयरलाइन की दिल्ली-दुबई उड़ान को खराब ईंधन संकेतक के कारण कराची की ओर डाइवर्ट किया गया था। स्पाइस जेट की कांडला-मुंबई उड़ान ने जैसे ही टेक-ऑफ किया, उसे मुंबई में ही विंडशील्ड तटकने के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करना पड़ा था।
उससे पहले 2 जुलाई को जबलपुर जाने वाली स्पाइसजेट की एक फ्लाइट क्रू मेंबर्स द्वारा केबिन में लगभग 5,000 फीट की ऊंचाई पर धुएं को देखने के बाद विमान को दिल्ली लौटना पड़ा था।