Devesh Chandra Thakur: यादव और मुसलमान ने नहीं दिया वोट, काम नहीं करेंगे, जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के बिगड़े बोल, देखें वीडियो
By एस पी सिन्हा | Updated: June 17, 2024 15:14 IST2024-06-17T15:13:19+5:302024-06-17T15:14:39+5:30
Devesh Chandra Thakur: देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि एनडीए के वोटों में से कितना चिरहरण हुआ इसका कोई भी उचित कारण नहीं है।

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Devesh Chandra Thakur: बिहार में सीतामढ़ी से नवनिर्वाचित जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर यादवों और मुसलमानों से वोट नहीं मिलने के कारण नाराज नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे पिछले 22 सालो से राजनीति में सक्रिय है और इस दौरान यादव और मुसलमान लोगों का उन्होंने सबसे ज्यादा काम किया। लेकिन अब वे यादव और मुसलमान का काम नहीं करेंगे। कोई अगर इस जाति का है और उनके यहां काम करवाने आता है तो आए जरूर, लेकिन चाय नाश्ता करें और वापस जाएं, मैं उनका काम नहीं करूंगा। देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि एनडीए के वोटों में से कितना चिरहरण हुआ इसका कोई भी उचित कारण नहीं है। सुरी और कलवार समाज का आधा से अधिक वोट कट गया, क्या कारण है बताइए? कुशवाहा समाज का वोट अचानक कट गया। यह सब तो एनडीए का वोट था, लेकिन आखिर क्यों कट गया?
कुशवाहा समाज के लोग केवल इसलिए खुश हो गए कि लालू प्रसाद ने इस समाज के सात लोगों को टिकट दे दिया था। क्या कुशवाहा समाज इतना स्वार्थी हो गया है? इस समाज के भाजपा से उपमुख्यमंत्री हैं सरकार में, उपेंद्र कुशवाहा अगर जीत गए होते तो आज केंद्रीय मंत्री बन गए होते। उन्होंने कहा कि कुशवाहा समाज से कोई पांच या सात लोग भी एमपी बन जाते जो सीतामढ़ी में उसका क्या फर्क पड़ जाता?
क्या सीतामढ़ी के कुशवाहा समाज के लोग उनसे काम करवाने जाते? इनकी सोच कितनी विकृत हो गई है। अगर कह दूं कि कुशवाहा समाज के लोग अपना काम कराने के लिए लालू प्रसाद से सात कुशवाहा उम्मीदवारों के पास जाएं तो कैसा लगेगा? उन्होंने कहा कि मेरे पास एक मुस्लिम समाज के शख्स कुछ काम कराने के लिए आए थे।
लेकिन हमने स्पष्ट कह दिया कि आप तो लालटेन को वोट दिए होंगे, इसलिए आए हैं तो चाय नाश्ता कीजिए और चलते बनिए, आपका काम नहीं करेंगे। जब नरेंद्र मोदी के चेहरे को देखकर उस शख्स ने तीर पर वोट नहीं किया तो उसका चेहरा देखकर लालू का काम क्यू करूं? इधर, देवेश चंद्र ठाकुर के बयान के बाद अब राजद ने बड़ा हमला बोला है। राजद की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया गया है।
इस पोस्ट के द्वारा राजद ने बिहार सरकार को आड़े हाथ लेते हुए जदयू पर संकीर्ण मानसिकता वाले जातिवादी लोग करार दिया है। राजद ने कहा कि कि ये महाशय नीतीश कुमार के चहते नए-नवेले सांसद हैं। सबसे कम आबादी से संबंध रखने वाला यह सांसद बिहार की 32 फीसदी आबादी को ठेंगा दिखा रहा है। कल को दूसरे वर्ग वोट नहीं करेंगे तो उनके प्रति भी इसका यही दुर्भाव रहेगा?