असम में विकास, सुरक्षा चुनावी मुद्दे होंगे न कि अजमल या एआईयूडीएफ: दास

By भाषा | Updated: March 17, 2021 19:01 IST2021-03-17T19:01:30+5:302021-03-17T19:01:30+5:30

Development, security in Assam will be electoral issues and not Ajmal or AIUDF: Das | असम में विकास, सुरक्षा चुनावी मुद्दे होंगे न कि अजमल या एआईयूडीएफ: दास

असम में विकास, सुरक्षा चुनावी मुद्दे होंगे न कि अजमल या एआईयूडीएफ: दास

(त्रिदीप लाहकर)

गुवाहाटी, 17 मार्च भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की असम इकाई के प्रमुख रंजीत कुमार दास ने कहा है आगामी विधानसभा चुनावों के लिए केवल दो मुद्दे विकास और सुरक्षा है।

भाजपा के कई नेताओं ने हालांकि असम में चुनाव प्रचार के दौरान बदरुद्दीन अजमल और उनकी पार्टी एआईयूडीएफ पर ही ध्यान केन्द्रित किया है लेकिन दास ने इन चुनावों के लिए विकास और सुरक्षा को महत्वपूर्ण मुद्दा बताया है।

दास ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘भाजपा का आधिकारिक अभियान दो पहलुओं असम के विकास और सुरक्षा पर केंद्रित है। कोई अन्य विषय नहीं है।’’

जब उनसे पूछा गया कि क्या अजमल या ‘‘सभ्यता का टकराव’’ भाजपा के लिए एक चुनावी मुद्दा है तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, यह हमारा आधिकारिक बयान नहीं है। यह एक या दो लोगों का व्यक्तिगत एजेंडा हो सकता है।’’

उन्होंने कहा कि 2014 से पहले बोडोलैंड क्षेत्रों में हत्याएं, जबरन वसूली और अपहरण मानक थे, लेकिन सभी विद्रोही समूहों द्वारा हथियार डालने और मुख्यधारा में आने के बाद यह क्षेत्र आज शांतिपूर्ण है।

दास ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक लोगों की सभी हत्याएं केवल कांग्रेस शासन के दौरान हुईं। हमारे कार्यकाल में, अल्पसंख्यक समुदाय के एक भी व्यक्ति को छुआ तक नहीं गया है, हत्या के बारे में तो भूल जाओ। यही अंतर है।’’

वर्ष 2001 से असम में 15 वर्षों तक सत्ता में रही कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग का मुकाबला करने के लिए एआईयूडीएफ, बीपीएफ, भाकपा, माकपा, भाकपा (एमएल), आंचलिक गण मोर्चा , राजद से एक ‘महा गठबंधन’ किया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्य के मंत्री हिमंत विश्व सरमा और मुख्यमंत्री सर्बांनंद सोनोवाल और भाजपा के कई अन्य नेता एआईडीयूएफ के अध्यक्ष अजमल के मुद्दे को उठाते रहे है और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ इस पार्टी के गठबंधन पर सवाल उठाते रहे है।

भाजपा असम गण परिषद, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है।

असम में 2016 के चुनावों में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। भाजपा 60 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी जबकि उसके सहयोगियों असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) ने क्रमश: 14 और 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। सत्तारूढ़ गठबंधन का एक निर्दलीय विधायक ने भी समर्थन किया था।

कांग्रेस ने 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने 13 सीटें हासिल की थी।

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