सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वदेशी तकनीकों का विकास अपरिहार्य : सेना प्रमुख

By भाषा | Updated: November 8, 2021 15:22 IST2021-11-08T15:22:59+5:302021-11-08T15:22:59+5:30

Development of indigenous technologies indispensable to meet security challenges: Army Chief | सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वदेशी तकनीकों का विकास अपरिहार्य : सेना प्रमुख

सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वदेशी तकनीकों का विकास अपरिहार्य : सेना प्रमुख

नयी दिल्ली, आठ नवंबर थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने सोमवार को कहा कि संघर्ष के दौरान भारतीय सेना के पूर्ण इस्तेमाल के लिए केवल स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियां ही उपलब्ध रहेंगी और ऐसे में विदेशी प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता कम करना अपरिहार्य है।

उन्होंने फिक्की के एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि भारतीय सेना तेजी से आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही है और यह अपनी परिचालन जरूरतों के लिए अधिक से अधिक स्वदेशी समाधान तलाश रही है।

थल सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘मैं वास्तव में मानता हूं कि संघर्ष के दौरान, युद्ध जैसी स्थितियों में, विभिन्न क्षेत्रों में पूर्ण इस्तेमाल के लिए केवल स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियां ही हमारे लिए उपलब्ध होंगी।"

नरवणे ने उल्लेख किया कि उभरती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने और विदेशी प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता कम करने के लिए स्वदेशी और स्थानीय क्षमताओं का विकास करना अनिवार्य है।

उन्होंने कहा, "सेना विशेष रूप से इस पहल का नेतृत्व करने के लिए अधिक उपयुक्त है। भारत के पास एक विस्तृत औद्योगिक आधार है और हमें विश्वास है कि रक्षा उपकरणों की अधिकतर मुख्य आवश्यकताओं को घरेलू स्तर पर ही पूरा किया जा सकता है।"

सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना में अधिग्रहण की औसत लागत कम है जो एमएसएमई और स्टार्ट-अप की व्यापक भागीदारी की अनुमति देती है।

उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी के दौरान सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल से घरेलू उद्योग को बहुत जरूरी प्रोत्साहन मिला है।

थल सेना के उप प्रमुख (क्षमता विकास) लेफ्टिनेंट जनरल शांतनु दयाल ने इस कार्यक्रम में कहा कि साजो-सामान और प्रौद्योगिकियों की खरीद के दौरान गुणवत्ता और लागत भारतीय सेना के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इन साजो-सामान को बहुत ही चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में तैनात करने जा रहे हैं, इसलिए उन्हें मजबूत और अच्छी गुणवत्ता का होना चाहिए।’’

दयाल ने कहा कि भारतीय सेना खरीद के दौरान स्वदेशी सामग्रियों की हिस्सेदारी बढ़ाने जा रही है।

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Web Title: Development of indigenous technologies indispensable to meet security challenges: Army Chief

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