समझौतों के बावजूद गश्त की इजाजत नहीं दे रही चीनी सेना

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: October 30, 2021 17:23 IST2021-10-30T17:16:19+5:302021-10-30T17:23:44+5:30

Despite agreements, Chinese army is not allowing patrolling | समझौतों के बावजूद गश्त की इजाजत नहीं दे रही चीनी सेना

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया

Highlightsसमझौते के बावजूद चीन भारतीय सेना को गश्त नहीं करने दे रहा है पिछले साल अप्रैल से ही भारतीय पक्ष कहीं भी गश्त नहीं कर पा रहासेना उन आठ विवादित क्षेत्रों में फिलहाल गश्त आरंभ नहीं कर पाई

 लद्दाखलद्दाख में एलएसी से सेना हटाने को हुए समझौतों के बावजूद चीनी सेना भारतीय पक्ष को फिलहाल गश्त करने की अनुमति देने को राजी नहीं है। एलएसी पर सैंकड़ों किमी के इलाके में तनातनी के कारण पिछले साल अप्रैल से ही भारतीय पक्ष कहीं भी गश्त नहीं कर पा रहा है।

सेना के बकौल, लद्दाख सीमा पर कई स्थानों से सेनाएं हटाने का समझौता हो चुका है। दोनों पक्षों के हस्ताक्षर करते ही इसे लागू करने की प्रक्रिया पिछले साल ही आरंभ हुई थी। पर चीनी सेना इस समझौते में भारतीय पक्ष को गश्त करने की अनुमति देने की शर्त को अभी शामिल करने को राजी नहीं हैै।

भारतीय पक्ष इसे मानता है कि सेना उन आठ विवादित क्षेत्रों में फिलहाल गश्त आरंभ नहीं कर पाई है जहां चीनी सेना लाभप्रद स्थिति में होने के कारण भारतीय जवानों के लिए खतरा साबित हो सकती है। इस मुद्दे को प्रत्येक कोर कमांडर लेवल की बैठक में भी उठाया जा चुका है पर इसके प्रति लाल सेना कोई बात करने को ही राजी नहीं है।

आधिकारिक तौर पर पिछले साल 15 जून को गलवान वैली इलाके में हुई खूरेंजी झड़प में 20 जवानों की शहादत के बाद से ही विवादित इलाकों में गश्त रोक दी गई थीं। जबकि सूत्रों के बकौल, पिछले साल अप्रैल में जब चीनी सेना की घुसपैठ और कब्जे की ख्बरें आई थीं तभी से भारतीय पक्ष ने गश्त का खतरा मोल लेने से परहेज किया था। सेनाधिकारी इसे टेम्पोरेरी बताते हुए कहते रहे थे कि भारतीय सेना का मानना था कि पहले चीनी सेना के साथ बातचीत से मसला सुलझा लिया जाए। पर वैसा कुछ हुआ नहीं जैसा भारतीय सेना अनुमान लगा रही थी।

ऐसे विवाद कई पैट्रोलिंग प्वाइंटों पर हैं। कई इलाकों मंें हालांकि पहले हुए समझौतों के अनुरूप चीनी सेना ने कदम पीछे हटाए जरूर, पर वे नगण्य ही माने जा सकते हैं। गलवान वैली मंें वह कई किमी पीछे तो गई थी पर उसने बफर जोन बनवा कर एलएसी को ही सही मायने में कई किमी भारतीय क्षेत्र में धकेल दिया था। फिलहाल इस पर मतभेद जारी है।

फिंगर 4 के इलाके को ही लें, चीनी सेना मात्र कुछ सौ मीटर पीछे हट कर पहाड़ियों पर लाभप्रद स्थिति में आ डटी थी और वहां से गुजरने वाल भारतीय सेना के गश्ती दल उसके सीधे निशाने पर हैं। सेना के शब्दों में गश्त फिलहाल अस्थाई तौर पर स्थगित की गई है। उनके मुताबिक, ऐसा इसलिए किया गया ताकि चीनी सेना समझौते का पालन कर सके और उनकी वापसी की कार्रवाई के दौरान किसी पक्ष की ओर से कोई उकसावे वाली कार्रवाई न हो सके।
ऐसा ही दौलत बेग ओल्डी तक जाने वाली सड़क पर भी है। वहां भी भारतीय गश्त नहीं है। चीनी सेना पहले ही इस सड़क पर होने वाली भारतीय सेना की गश्त से खुश नहीं थी।

वह कई बार इस पर आपत्ति जता चुकी थी और अब जबकि चीनी सेना को पीछे हटाने के लिए हुए समझौतों के अनुरूप, भारतीय सेना को भी कई इलाकों में पीछे हटना पड़ा पर चीनी सेना नहीं हटी। स्थिति यह है कि चीनी सेना के आक्रामक रूख से बचने के लिए सेना को दौलत बेग ओल्डी तक जाने के लिए एक नए रास्ते को तैयार कराना पड़ा है।

Web Title: Despite agreements, Chinese army is not allowing patrolling

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