कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन ‘अपवाद’, जल्द समाधान की उम्मीद: तोमर

By भाषा | Updated: December 16, 2020 18:45 IST2020-12-16T18:45:26+5:302020-12-16T18:45:26+5:30

Demonstration against agricultural laws 'exception', hope for early solution: Tomar | कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन ‘अपवाद’, जल्द समाधान की उम्मीद: तोमर

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन ‘अपवाद’, जल्द समाधान की उम्मीद: तोमर

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बुधवार को राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को ‘‘अपवाद’’ बताया और कहा कि यह ‘‘एक राज्य तक सीमित’’ है। हालांकि उन्होंने इस मामले के जल्द समाधान की उम्मीद भी जताई।

तीन कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए तोमर ने कहा, ‘‘कृषि क्षेत्र में हुए हालिया सुधारों से देश में उत्साह का वातावरण है।’’

वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम के एक सम्मेलन को डिजीटल माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जो प्रदर्शन हो रहे हैं वह अपवाद है और वह एक राज्य तक सीमित है। हम वार्ता कर रहे हैं। मुझे जल्द समाधान निकलने की उम्मीद है।’’

उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां इन कानूनों का विरोध हो रहा है वहीं दूसरी तरफ लाखों किसान इसके समर्थन में आ रहे हैं। तोमर ने इस अवसर पर पिछले छह सालों में केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में उठाए गये कदमों की विस्तृत जानकारी दी और दावा किया कि इनसे किसानों की आय में वृद्धि होगी तथा कृषि फायदे का सौदा साबित होगा।

उल्लेखनीय है कि राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों के संगठन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब और हरियाणा के हैं।

प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।

केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश के साथ मिलकर तोमर किसानों के 40 संगठनों के साथ सरकार की वार्ता का नेतृत्व कर रहे हैं।

तोमर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी सरकार ने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें एक लाख करोड़ रूपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड शामिल है। इसका उपयोग गांवों में कृषि आधारभूत ढांचा तैयार करने में किया जाएगा और 10 हजार किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) तैयार किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि कृषि और सहायक क्षेत्रों में इन प्रावधानों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और कृषि फायदे का सौदा बनेगा।

तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और सरकार के मध्य जारी गतिरोध के बीच मंगलवार को तोमर ने कहा था कि सरकार ‘‘वास्तविक किसान संगठनों’’ के साथ वार्ता जारी रखने और खुले दिमाग से मसले का समाधान खोजने को तैयार है।

उन्होंने यह भी कहा था कि जिस न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकार की किसानों से उनकी उपज खरीदने की प्रतिबद्धता होती है, वह एक प्रशासनिक निर्णय होता और यह वर्तमान स्वरूप में ‘‘इसी तरह जारी रहेगा’’।

तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ अपना रुख कड़ा करते हुए किसान नेताओं ने पिछले दिनों कहा कि वे सरकार से इन कानूनों को वापस ‘‘कराएंगे’’।

पिछले सप्ताह बुधवार को किसानों को दिये अपने प्रस्ताव में, केंद्र ने कहा था कि वह एक लिखित आश्वासन देगा कि एमएसपी प्रणाली बनी रहेगी और उनकी अन्य प्रमुख चिंताओं का भी निवारण किया जाएगा। हालांकि, किसान संगठनों की मांग है कि केंद्रीय कानूनों को पूरी तरह से वापस लिया जाये नहीं तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे।

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Web Title: Demonstration against agricultural laws 'exception', hope for early solution: Tomar

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