प्रदर्शन के कारण कानूनों को वापस लिया जाने लगा तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा: आठवले

By भाषा | Updated: December 21, 2020 18:08 IST2020-12-21T18:08:14+5:302020-12-21T18:08:14+5:30

Democracy will be endangered if laws are withdrawn due to demonstrations: Athawale | प्रदर्शन के कारण कानूनों को वापस लिया जाने लगा तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा: आठवले

प्रदर्शन के कारण कानूनों को वापस लिया जाने लगा तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा: आठवले

पणजी, 21 दिसंबर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने सोमवार को कहा कि अगर विरोध प्रदर्शन के डर से केंद्र सरकार संसद द्वारा पारित कानूनों को वापस लेने लगी तो संसदीय लोकतंत्र और संविधान “खतरे में पड़ जाएगा।”

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के अध्यक्ष आठवले ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा दो सौ से ज्यादा सीटें जीत कर सरकार बनाएगी।

दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के आंदोलन से संबंधित सवाल पूछे जाने पर आठवले ने कहा कि किसानों की मांग “गैरकानूनी” है।

उन्होंने कहा, “कानून को संसद द्वारा बहुमत से पारित किया गया है। अगर इस प्रकार के कानून लोगों के विरोध प्रदर्शन के चलते वापस ले लिए जाएंगे तो सदन से पारित होने वाले हर कानून के लिए यह परिपाटी बन जाएगी, जिससे संविधान और संसदीय लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा।”

आठवले ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए समझौते के फार्मूले को किसानों को मान लेना चाहिए।

उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश में किसानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नए कृषि कानूनों का न्यूनतम समर्थन मूल्य और कृषि उत्पाद विपणन समितियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।”

मंत्री ने कहा कि किसानों के पास कृषि कानूनों पर सरकार से सवाल पूछने का अधिकार है।

उन्होंने कहा, “लेकिन इस मामले में (वर्तमान में जारी आंदोलन), मुझे लगता है कि किसानों को भड़काया और भ्रमित किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा, “किसान, ठंड के इस मौसम में 25 दिन से सड़क पर बैठे हैं। उन्हें विरोध प्रदर्शन वापस लेना चाहिए और समझौते के फार्मूले को मान लेना चाहिए। सरकार बातचीत के लिए तैयार है।”

आठवले ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा दो सौ से अधिक सीटें जीतेगी।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से मुलाकात के बाद आठवले यहां पत्रकारों से बात कर रहे थे।

दोनों नेताओं ने मुलाकात के दौरान, तटीय राज्य में अनुसूचित जाति से संबंधित मुद्दों पर बातचीत की।

आठवले ने कहा, “पश्चिम बंगाल में आरपीआई (ए) की अच्छी उपस्थिति है। राज्य में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 36 प्रतिशत है। हम पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा से चार से पांच सीट की मांग करेंगे। मैं इस मुद्दे पर जे पी नड्डा और अमित शाह से बात करूंगा।”

आठवले ने यह भी दावा किया कि उद्धव ठाकरे नीत महाराष्ट्र सरकार गठबंधन के आतंरिक मतभेदों के चलते अपने आप गिर जाएगी और यह दो साल का कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने में दिलचस्पी नहीं हैं,लेकिन अगर यह खुद गिर जाती है तो हम (राजग) सरकार बनाएंगे क्योंकि हमारे पास राज्य में 117 विधायक हैं।

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Web Title: Democracy will be endangered if laws are withdrawn due to demonstrations: Athawale

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