मुहर्रम को लेकर जारी सर्कुलर पर डीजीपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

By भाषा | Updated: August 2, 2021 18:26 IST2021-08-02T18:26:49+5:302021-08-02T18:26:49+5:30

Demand for action against DGP on the circular issued regarding Muharram | मुहर्रम को लेकर जारी सर्कुलर पर डीजीपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

मुहर्रम को लेकर जारी सर्कुलर पर डीजीपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

लखनऊ, दो अगस्त उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय से मुहर्रम के त्यौहार को लेकर जारी सर्कुलर/परिपत्र पर विवाद उत्पन्न हो गया है। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद में सोमवार को इस पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार से राज्य के पुलिस प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

मजलिसे उलमा-ए-हिंद के महासचिव शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने संवाददाता सम्मेलन में मुहर्रम के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के सिलसिले में 31 जुलाई को पुलिस प्रमुख मुकुल गोयल द्वारा सभी जिला पुलिस प्रमुखों को जारी परिपत्र में कही गई बातों पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि पुलिस प्रशासन ने इसमें बेहद अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करके मुहर्रम और शिया मुसलमानों की छवि खराब करने की कोशिश की है।

उन्होंने आरोप लगाया कि डीजीपी ने मुहर्रम की भावना और रूह को समझे बिना यह परिपत्र जारी किया है जिसकी वह कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से शिया और सुन्नी समुदाय के बीच तनाव उत्पन्न हो गया है और ऐसे में कोई भी अप्रिय घटना होने पर उसके लिए डीजीपी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने सरकार से इस संबंध में पुलिस प्रमुख के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

इस बीच, प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह एक विभागीय गोपनीय आदेश है, जिसका लक्ष्य किसी भी धर्म या समुदाय को ठेस पहुंचाना नहीं है और पहले हुई घटनाओं और जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए इसे जारी किया गया है।

उन्होंने कहा कि पहले भी हूबहू ऐसे आदेश जारी होते रहे हैं, उनमें किसी की भावना आहत करने जैसी कोई बात नहीं है, यह सिर्फ शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभागीय अधिकारियों को दी गई सूचना है।

मौलाना जवाद ने आरोप लगाया कि परिपत्र में कहा गया है कि मुहर्रम के जुलूसों में तबर्रा (निंदा पत्र) पढ़ा जाता है जिस पर अन्य समुदायों के लोगों द्वारा आपत्ति जताई जाती है और शरारती तत्व जुलूस में शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि यह बयान मुहर्रम को बदनाम करने की साजिश और शिया तथा सुन्नियों के बीच नफरत पैदा करने के लिये है। मुहर्रम एक पवित्र और ग़म का महीना है, यह कोई ऐसा त्योहार नहीं है जिसमें लोग भांग पीकर हुल्लड़ हंगामा करते हों।

मौलाना ने उत्तर प्रदेश में सभी मातमी अंजुमनों, धार्मिक संगठनों, शिया, सुन्नी और हिंदू ताजि़यादारों से अपील की कि जब तक पुलिस प्रशासन इस विवादास्पद और अपमानजनक सर्कुलर के लिए माफी नहीं मांगता और इसे वापस नहीं लेता तब तक वे पुलिस प्रशासन द्वारा तलब की गई किसी भी बैठक में शामिल ना हों।

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Web Title: Demand for action against DGP on the circular issued regarding Muharram

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