परिसीमन आयोग की बैठक, शामिल न होने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस सदस्यों की आलोचना

By भाषा | Updated: February 18, 2021 22:32 IST2021-02-18T22:32:08+5:302021-02-18T22:32:08+5:30

Delimitation Commission meeting, National Conference members criticized for not joining | परिसीमन आयोग की बैठक, शामिल न होने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस सदस्यों की आलोचना

परिसीमन आयोग की बैठक, शामिल न होने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस सदस्यों की आलोचना

नयी दिल्ली, 18 फरवरी जम्मू कश्मीर पर परिसीमन आयोग की बृहस्पतिवार को यहां बैठक हुई जिसका नेशनल कॉन्फ्रेंस से आने वाले तीन सहायक सदस्यों ने बहिष्कार किया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी की उसके दोहरे चरित्र के लिये निंदा की।

उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाले आयोग की यहां हुई बैठक का मकसद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के परिसीमन की प्रक्रिया पर सहायक सदस्यों के सुझाव लेना था। बैठक में उधमपुर से सांसद सिंह और जम्मू से सांसद जुगल किशोर शर्मा शामिल हुए।

लोकसभा अध्यक्ष ने पिछले साल फारुक अब्दुल्ला, मोहम्मद अकबर लोन, हसनैन मसूदी, जुगल किशोर शर्मा और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को जम्मू कश्मीर के लिये आयोग के सहायक सदस्य के तौर पर नामित किया था।

दोनों सहायक सदस्यों ने आयोग के प्रयासों की सराहना करते हुए सुझाव दिया कि जहां तक संभव हो क्षेत्रों का परिसीमन व्यवहारिक और भौगोलिक रूप से सुगठित होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि क्षेत्रों के परिसीमन के दौरान भौतिक विशेषताओं, प्रशासनिक इकाइयों की मौजूदा सीमाओं, संचार व सार्वजनिक परिवहन की सुविधाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए।

सहायक सदस्य संबंधित राज्यों से आए कानून निर्माता होते हैं जो आयोग को संसदीय व विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन में मदद करते हैं।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि आयोग ने सभी पांच सहायक सदस्यों को पांच फरवरी को ही इस बैठक के बारे में लिखित जानकारी दे दी थी लेकिन बृहस्पतिवार को हुई बैठक में सिर्फ सिंह और शर्मा मौजूद थे।

बैठक के बाद सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि कुछ सदस्य बृहस्पतिवार को हुई बैठक में शामिल नहीं हुए और उन्होंने कहा कि “यह परिसीमन की कवायद है न कि राजनीतिक रुख दिखाने का कोई मंच।” बाद में ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए सिंह ने कहा कि आयोग संवैधानिक रूप से गठित निकाय है।

उन्होंने कहा, “उसके खिलाफ उठाया गया कोई कदम अपने आप में असंवैधानिक है। जब कोई सदस्य बैठक में शामिल होने से इनकार कर देता है तो वह इस मंच पर अपने मतदाताओं को उनकी आवाज रखने से वंचित करता है।”

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री सिंह ने कहा, “एक तरफ ये सदस्य संसद में खड़े होते हैं और कहते हैं कि जम्मू कश्मीर में जल्द से जल्द निर्वाचित विधानसभा होनी चाहिए। लेकिन जब उस दिशा में एक सकारात्मक कदम बढ़ाया जाता है तो वे सहयोग से इनकार कर देते हैं। इस दोहरे चरित्र के लिये उन्हें उन मतदाताओं को जवाब देना होगा जिन्होंने उन्हें चुनकर संसद भेजा है।”

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आयोग को अवगत कराया था कि उसके सदस्य बैठक में शामिल नहीं होंगे क्योंकि इस मामले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है और पूरी प्रक्रिया न्यायालय के विचाराधीन है।

बैठक में सिंह और शर्मा ने आयोग को यह सुझाव भी दिया कि केंद्र शासित प्रदेश में परिसीमन की कवायद के दौरान दुर्गम क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए।

पिछले साल गठित आयोग जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत परिसीमन अधिनियम 2002 के प्रावधानों के मुताबिक क्षेत्रों का परिसीमन करेगा। इसके अलावा असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड में भी परिसीमन का काम होना है।

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Web Title: Delimitation Commission meeting, National Conference members criticized for not joining

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