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जम्मू-कश्मीर दौरे के बाद परिसीमन आयोग ने रिपोर्ट के मसौदे पर काम शुरू किया

By भाषा | Updated: July 18, 2021 15:04 IST

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श्रीनगर, 18 जुलाई जम्मू-कश्मीर के अपने पहले दौरे के लगभग 15 दिनों बाद परिसीमन आयोग ने विधानसभा क्षेत्रों की सीमा नये सिरे से निर्धारित करने के लिए एक रिपोर्ट के मसौदे पर काम करना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से पहले इसे इसके सभी सहयोगी सदस्यों के साथ साझा किया जाएगा। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता वाले परिसीमन आयोग ने छह से नौ जुलाई तक केंद्र शासित प्रदेश का दौरा किया था। इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा पदेन सदस्य के रूप में शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि आयोग के सदस्यों ने विभिन्न जिलों के उपायुक्तों के अलावा 290 से अधिक प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की, जिसमें 800 से अधिक लोग शामिल थे। उन्होंने बताया कि सभी स्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर ही रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया जाएगा।

प्राप्त जानकारियों का उपयोग कर एक रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया जाएगा और इसे सहयोगी सदस्यों के साथ साझा किया जाएगा। इन सहयोगी सदस्यों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला, हसनैन मसूदी और अकबर लोन के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जितेंद्र सिंह और जुगल किशोर शर्मा शामिल हैं।

गौरतलब है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने परिसीमन आयोग की पहली बैठक का बहिष्कार किया था। रिपोर्ट के मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले परिसीमन आयोग सहयोगी सदस्यों के साथ एक बैठक भी करेगा। इसके बाद ही इसे सार्वजनिक किया जाएगा।

अधिकारियों के मुताबिक आयोग कुछ ऐसे जिलों पर भी विचार कर रहा है जहां क्षेत्राधिकार की सीमाओं को फिर से निर्धारित किया जा सकता है क्योंकि चुनावी क्षेत्र में दो जिलों के हिस्से शामिल हैं।

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन इसलिए भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि केन्द्र वहां जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने को इच्छुक है। परिसीमन आयोग के पास जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नये सिरे से निर्धारित करने और नये विधानसभा क्षेत्रों के गठन के लिए छह मार्च 2022 तक का समय है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ एक बैठक की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि परिसीमन की प्रक्रिया जल्द पूरी होनी चाहिए ताकि प्रदेश में चुनाव हो सकें।

परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि विधानसभा की 24 सीटें खाली रहती हैं क्योंकि वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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