दिल्ली के पहले कोरोना संक्रमित रोहित दत्ता ने बयां की संघर्ष की कहानी, पढ़ें उन्होंने कैसे दी कोरोना वायरस को मात

By भाषा | Updated: April 19, 2020 13:20 IST2020-04-19T13:20:12+5:302020-04-19T13:20:12+5:30

कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर दुनियाभर में फैली दहशत के बीच रोहित दत्ता की इस खतरनाक वायरस को हराने की कहानी इस महामारी को लेकर फैली अफवाहों को दूर करने के साथ ही इससे सफलतापूर्वक निपटने का हौंसला भी देती है। 45 वर्षीय रोहित दत्ता देश के हजारों अन्य लोगों की तरह कोरोना वायरस की चपेट में आए।

Delhi s first corona infected Rohit Dutta told story of struggle read how he defeated corona virus | दिल्ली के पहले कोरोना संक्रमित रोहित दत्ता ने बयां की संघर्ष की कहानी, पढ़ें उन्होंने कैसे दी कोरोना वायरस को मात

पढ़ें दिल्ली के पहले कोरोना संक्रमित रोहित दत्ता की कहानी।

Highlightsरोहित दत्ता दिल्ली में सबसे पहले इस वायरस की गिरफ्त में आए, लेकिन उन्होंने परेशान होने या छिपने की बजाय तत्काल अपनी जांच कराईरोहित बताते हैं कि फरवरी के दूसरे पखवाड़े में वह इटली गए थे और वहां से बुडापेस्ट और वियना होते हुए 25 फरवरी को भारत लौटे थे।

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर दुनियाभर में फैली दहशत के बीच रोहित दत्ता की इस खतरनाक वायरस को हराने की कहानी इस महामारी को लेकर फैली अफवाहों को दूर करने के साथ ही इससे सफलतापूर्वक निपटने का हौंसला भी देती है। 45 वर्षीय रोहित दत्ता देश के हजारों अन्य लोगों की तरह कोरोना वायरस की चपेट में आए। वह दिल्ली में सबसे पहले इस वायरस की गिरफ्त में आए, लेकिन उन्होंने परेशान होने या छिपने की बजाय तत्काल अपनी जांच कराई और संक्रमण का पता चलने पर संयम खोए बिना पूरे धैर्य से अपना इलाज कराया।

रोहित बताते हैं कि फरवरी के दूसरे पखवाड़े में वह अपने काम के सिलसिले में इटली गए थे और वहां से बुडापेस्ट और वियना होते हुए 25 फरवरी को भारत लौटे थे। यहां आने के बाद 28 फरवरी को उन्हें हल्का बुखार आया और उन्होंने अपनी पत्नी की सलाह पर अगले दिन ही डाक्टर से सलाह ली। उन्होंने बताया कि डाक्टर ने उनके विदेश भ्रमण की बात सुनकर तत्काल उनका परीक्षण कराया और 2 मार्च को उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित करार दिया गया। वह मानते हैं कि बीमारी से पीड़ित होने की बात सुनकर एक बार तो उन्हें धक्का लगा, लेकिन फिर डाक्टरों ने समय पर बीमारी के पकड़ में आने के कारण उनके जल्द ठीक होने की उम्मीद जताई और डरने या परेशान होने की बजाय रचनात्मक गतिविधियों में खुद को व्यस्त रखने का आग्रह किया।

बीमारी के समय की अपनी गतिविधियों की जानकारी देते हुए रोहित बताते हैं कि अस्पताल में भर्ती होना हमेशा से डर और असुरक्षा को जन्म देता है, लेकिन उन्होंने मेडिटेशन के सहारे इस मुश्किल घड़ी से खुद को निकाला। मेडिटेशन को ‘पैनिक हीलर’ बताने वाले रोहित का कहना है कि वह मेडिटेशन करने में माहिर नहीं थे, फिर भी इसके अभ्यास से वह अवसाद से बचे रहे। इसके अलावा उन्होंने संगीत सुनकर और जल्द ठीक होने की उम्मीद के साथ अपना वक्त गुजारा और 14 दिन के इलाज और 14 दिन के पृथक वास के बाद एकदम ठीक हो गए। रोहित बताते हैं कि अपनी और अपने आसपास के लोगों की सुरक्षा के लिए उन्होंने खुद को घर के एक कमरे में सीमित कर लिया। यहां तक कि अपनी मां और अपने बच्चों से वह कम से कम दो मीटर का फासला बनाए रहे और उनके कपड़ों, बर्तन और अन्य सामान को सावधानी से साफ किया गया।

उनके आसपास के वातावरण को भी हमेशा स्वच्छ रखा गया। जल्द पकड़ में आने पर इस बीमारी को सामान्य फ्लू जैसा बताते हुए रोहित कहते हैं कि सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करने और सावधानी बरतने के बावजूद अगर कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण दिखाई दें तो तत्काल डाक्टर से संपर्क करें क्योंकि ‘‘आप जितनी जल्दी डाक्टर के पास जाएंगे उतनी जल्दी ठीक होकर अपने घर वापस लौट सकेंगे।’’ बीमारी से उबरने के बाद खुद को ज्यादा आध्यात्मिक और सकारात्मक महसूस कर रहे रोहित सभी को यही सलाह देते हैं कि कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए जाने पर आप भी ‘पॉजिटिव’ बने रहें, अपना धैर्य न खोएं और निराशा तथा नकारात्मकता को अपने नजदीक न फटकने दें।

Web Title: Delhi s first corona infected Rohit Dutta told story of struggle read how he defeated corona virus

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