दिल्ली दंगे: आरोप पत्र लीक की जांच पूरी करने के लिये पुलिस को मिला दो और सप्ताह का समय

By भाषा | Updated: July 6, 2021 17:59 IST2021-07-06T17:59:24+5:302021-07-06T17:59:24+5:30

Delhi riots: Police got two more weeks to complete charge sheet leak probe | दिल्ली दंगे: आरोप पत्र लीक की जांच पूरी करने के लिये पुलिस को मिला दो और सप्ताह का समय

दिल्ली दंगे: आरोप पत्र लीक की जांच पूरी करने के लिये पुलिस को मिला दो और सप्ताह का समय

नयी दिल्ली, छह जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को पिछले साल उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित मामले में दायर आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र की सामग्री संबंधित अदालत द्वारा संज्ञान लेने से पहले ही मीडिया को लीक होने की ‘‘व्यापक जांच’’ करने के लिए मंगलवार को दो और सप्ताह की अनुमति दी।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ ने निर्देश दिया कि जांच पर रिपोर्ट वाली फाइल सुनवाई की अगली तारीख पर उसके समक्ष पेश की जाए।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्र एवं दंगों के आरोपी आसिफ इकबाल तनहा ने पिछले साल उच्च न्यायालय का रुख किया था। तनहा ने पुलिस अधिकारियों पर आरोप पत्र में अपने कथित खुलासे वाले बयान को मीडिया को लीक करने में अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया था, जो जांच के दौरान दर्ज किया गया था।

तनहा का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता एस. शंकरन ने अदालत को बताया कि पूरक आरोप पत्र के लीक होने के संबंध में एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया गया है, लेकिन राज्य की प्रतिक्रिया रिकॉर्ड में नहीं है।

विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) रजत नायर ने लीक की चल रही जांच की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अदालत से और दो सप्ताह का समय मांगा।

उन्होंने कहा कि हालांकि जांच के उद्देश्य से संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया गया है, लेकिन कोविड-19 के चलते लागू लॉकडाउन के कारण इसका निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘एक संस्था जो लॉकडाउन के दौरान भी चलती रहती है, वह है पुलिस।’’ इस पर नायर ने कहा कि एजेंसी पर अतिरिक्त कर्तव्यों का बोझ है।

उच्च न्यायालय ने एसपीपी के इस निवेदन पर गौर किया कि ‘‘आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र की सामग्री के लीक की एक व्यापक जांच चल रही है, जो दो सप्ताह के भीतर समाप्त होने की संभावना है।’’ अदालत ने मामले को 5 अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

न्यायाधीश ने नायर को यह भी याद दिलाया कि इस मुद्दे पर पुलिस की पहले की सतर्कता रिपोर्ट में ‘‘कुछ भी नहीं था’’ और अदालत इससे संतुष्ट नहीं थी।

उच्च न्यायालय ने इससे पहले लीक को लेकर पुलिस की सतर्कता जांच रिपोर्ट पर असंतोष व्यक्त करते हुए जांच को एक छोटे से चोरी के मामले में सामान्य जांच से भी बदतर बताया था।

नायर ने कहा कि चल रही जांच में पिछले की तुलना में "व्यापक गुंजाइश है" और इसमें मुख्य और पूरक आरोप पत्र दोनों से सामग्री के लीक को शामिल किया जाएगा।

ज़ी मीडिया कॉरपोरेशन की ओर से पेश अधिवक्ता मुदित जैन ने लीक पर तनहा की सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ शिकायत को रिकॉर्ड में लाने के लिए अदालत से अनुमति मांगी। जैन ने कहा कि शिकायत वैकल्पिक प्रभावी उपाय के अस्तित्व को दर्शाएगी।

अदालत ने उनसे जवाब दाखिल करने को कहा और ‘‘उसे देखा जाएगा।’’

तनहा ने अपनी याचिका में कहा कि वह विभिन्न प्रकाशनों के यह रिपोर्टिंग करने से दुखी हैं कि उन्होंने दिल्ली दंगों को अंजाम देना कबूल किया है। तनहा ने आरोप लगाया है कि उन्हें पुलिस की हिरासत में कुछ कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था।

उन्होंने दलील दी कि मीडिया घरानों - ज़ी मीडिया कॉरपोरेशन और ऑपइंडिया - द्वारा आरोप पत्र से सामग्री को मीडिया में रखने की कार्रवाई कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन है।

मई 2020 में गिरफ्तार किए गए तनहा को हाल ही में उच्च न्यायालय द्वारा जमानत देने के बाद जेल से रिहा किया गया था। पुलिस ने कहा था कि शाहीन बाग में अबुल फजल एन्क्लेव निवासी तनहा स्टूडेंट्स इस्लामिक आर्गेनाइजेशन का एक सदस्य था और जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी का हिस्सा था, जिसने नये नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Delhi riots: Police got two more weeks to complete charge sheet leak probe

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे