लाइव न्यूज़ :

दिल्ली दंगा : आरोपपत्र पढ़ने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया, आरोपियों ने अदालत से कहा

By भाषा | Updated: January 19, 2021 19:32 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 19 जनवरी उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगा मामलों में गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) के तहत मुकदमे का सामना कर रहे कई आरोपियों ने मंगलवार को एक अदालत के सामने दावा किया कि आदेश के बावजूद जेल में उन्हें आरोपपत्र तक पहुंच नहीं दी गयी।

वहीं, कुछ आरोपियों ने दावा किया कि आरोपपत्र पढ़ने के लिए उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया गया। आरोपियों ने अदालत से जेल प्रशासन को एक घंटे से ज्यादा समय देने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया ताकि वे जेल में कंप्यूटर सिस्टम पर 1800 पन्ने का आरोपपत्र पढ़ पाएं।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने मामले को दो फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई के दौरान आरोपियों खालिद सैफी, शिफा उर रहमान और शादाबा अहमद ने दावा किया कि अदालत के आदेश के तहत जेल के कंप्यूटर पर आरोपपत्र को अपलोड कर दिया गया है लेकिन उन्हें वहां तक पहुंच नहीं दी गयी है।

मंडोली जेल में बंद सैफी ने कहा, ‘‘पुलिस अधिकारियों ने कंप्यूटर में आरोपपत्र अपलोड कर दिया है लेकिन जेल अधिकारियों ने वहां तक पहुंच की इजाजत नहीं दी।’’

तिहाड़ जेल में बंद रहमान ने कहा कि जेल प्रशासन ने अब तक उन्हें सूचित नहीं किया है कि आरोपपत्र अपलोड कर दिया गया है।

आप के निलंबित पार्षद और सह आरोपी ताहिर हुसैन ने दावा किया कि वह आरोपपत्र नहीं पढ़ पाए क्योंकि कंप्यूटर पर हमेशा कोई ना कोई बैठा रहता है। हुसैन ने पेन ड्राइव में इसे मुहैया कराने का अनुरोध किया ताकि वह पुस्तकालय जाकर वहां इसे पढ़ सकें।

आरोपियों को आरोपपत्र पढ़ने के लिए ज्याद समय नहीं दिया गया, इस तथ्य का पता चलने के बाद अदालत ने नाराजगी प्रकट की।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने कहा कि उन्हें आरोपपत्र पढ़ने के लिए किसी दिन तीन घंटे दिए गए जबकि किसी दिन एक ही घंटा दिया गया।

जेएनयू के छात्र शरजील इमाम ने दावा किया कि आरोपपत्र पढ़ने के लिए उन्हें दो घंटे का ही समय दिया गया। पूर्व पार्षद इशरत जहां ने कहा कि उन्हें एक घंटे दिया गया वहीं जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा ने कहा कि उन्हें आरोपपत्र पढ़ने के लिए केवल डेढ़ घंटे का वक्त दिया गया।

न्यायाधीश ने जब तिहाड़ जेल प्रशासन से आरोपियों द्वारा जतायी गयी चिंता पर सवाल किया तो वह कोई जवाब नहीं दे पाए।

आरोपियों ने कहा था कि उन्हें अपने वकीलों से आधे घंटे की मुलाकात के दौरान इतना विशालकाय आरोपपत्र पर चर्चा करने में मुश्किलें आती हैं। इसके बाद अदालत ने पुलिस को जेल में कंप्यूटर में आरोपपत्र की एक प्रति अपलोड करने का निर्देश दिया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेVIDEO: थूक लगाकर रोटी बनाने का वीडियो वायरल, अलीगढ़ के होटल की घटना

अन्य खेलइंडियन एमेच्योर बॉक्सिंग फेडरेशन, आईबीए के साथ मिलकर भारतीय बॉक्सिंग को सशक्त बनाने की दिशा में करेगा काम

भारतKerala local body polls: केरल निकाय चुनाव में जीत पर कांग्रेस ने कहा- ‘लाल किलों’ के ढहने की हुई शुरुआत

क्राइम अलर्टUP Crime: 17 साल की लड़की को पहले किडनैप किया गया, फिर 25 दिनों में कई बार हुआ रेप

भारतBJP New President News: नड्डा की जगह क्या शिवराज सिंह चौहान बनेंगे भाजपा के नए अध्यक्ष?, भोपाल और दिल्ली आवास पर सुरक्षा बढ़ाई?

भारत अधिक खबरें

भारतछत्तीसगढ़ के 7 जिलों वाले बस्तर संभाग को अगले 5 वर्षों में सबसे विकसित आदिवासी क्षेत्र बनाने का संकल्प, अमित शाह बोले- नक्सलवाद से किसी को फायदा नहीं

भारतPankaj Chaudhary: कौन हैं पंकज चौधरी, महाराजगंज के सांसद जो बनेंगे यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष?

भारतपश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026ः प्रवासन, रोजगार, महंगाई, शासन और विकास नहीं मंदिर-मस्जिद पर होंगे मतदान?, हर दिन साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण तेज

भारततिरुवनंतपुरम नगर निगमः कौन बनेगा मेयर?, दौड़ में ये भाजपा नेता शामिल, देखिए पूरी लिस्ट

भारतVIDEO: हैदराबाद पहुंचे लियोनेल मेस्सी, 'प्रतिद्वंद्वी' टीम के सदस्य और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी से गर्मजोशी से किया स्वागत