नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले 26 वर्षों में अक्टूबर महीने में सबसे कम है। भारतीय मौसम विभाग ने यह जानकारी दी।
मौसम विभाग के मुताबिक साल के इस समय में सामान्य न्यूनतम तापमान 15 से 16 डिग्री सेल्सियस रहता है। विभाग के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि इससे पहले वर्ष 1994 में दिल्ली में इतना कम तापमान दर्ज किया गया था। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक आखिरी बार 31 अक्टूबर, 1994 को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 12.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
श्रीवास्तव ने कहा कि शहर में अक्टूबर माह में सर्वकालिक न्यूनतम तापमान(9.4 डिग्री सेल्सियस) 31 अक्टूबर, 1937 को दर्ज किया गया था। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि इस बार इतना कम न्यूनतम तापमान होने का कारण आसमान में बादलों का नहीं छाए रहना है।
आसमान में बादल छाए रहने के कारण पृथ्वी से परावर्तित होने वाली अवरक्त (इंफ्रारेड) किरणों में कुछ किरणें बादलों के कारण वापस आ जाती हैं और इससे धरती गर्म हो जाती है। श्रीवास्तव ने कहा कि एक अन्य कारण शांत हवाएं हैं, जिसके कारण धुंध और कोहरा छाता है। मौसम विभाग ने कहा कि एक नवंबर तक न्यूनतम तापमान गिर कर 11 डिग्री सेल्सियस तक होने की संभावना है।
दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली जलाये जाने की हिस्सेदारी बढ़ कर 36 प्रतिशत हुई :सफर
दिल्ली के ‘पीएम 2.5’ प्रदूषण में पराली जलाये जाने से निकलने वाले प्रदूषकों की हिस्सेदारी बृहस्पतिवार को बढ़ कर 36 प्रतिशत हो गई, जो इस मौसम में सर्वाधिक है। केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ने यह जानकारी दी। ‘पीएम 2.5’ वायु में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कण हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ‘सफर’ के मुताबिक, पड़ोसी राज्यों में खेतों में पराली जलाये जाने की 2,912 घटनाएं बुधवार को दर्ज की गईं, जो इस मौसम में सर्वाधिक हैं।
सफर ने कहा, ‘‘दिल्ली में पीएम 2.5 के 36 प्रतिशत सकेंद्रण के लिये पराली जलाये जाने की घटनाएं जिम्मेदार हैं। ’’ यह संकेंद्रण बुधवार को 18, मंगलवार को 23 और सोमवार को 16, रविवार को 19 और शनिवार को नौ प्रतिशत था। दिल्ली में दोपहर दो बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 402 दर्ज किया गया। एक्यूआई का 24 घंटे का औसत बुधवार को 297, मंगलवार को 312, सोमवार को 353, रविवार को 349, शनिवार को 345 और शुक्रवार को 366 था।
शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 तक को ‘खराब’ और 301 से 400 के बीच को ‘बहुत खराब’ तथा 401 से 500 तक को ‘गंभीर’ माना जाता है। सफर ने कहा कि स्थानीय स्तर पर पैदा हुए प्रदूषकों और पराली जलाये जाने वाले क्षेत्रों से आने वाली उत्तर पछुआ पवनों के चलते आए बाहरी प्रदूषक पीएम 2.5 के स्तर में वृद्धि के लिये जिम्मेदार हैं। सफर ने कहा कि सतह पर चलने वाली वायु गति और बेहतर मौसमी दशाओं के चलते स्थिति में शनिवार तक सुधार होने की संभावना है।
मौसम विभाग के मुताबिक, बृहस्पतिवार को वायु गति की दिशा उत्तर की ओर थी और अधिकतम वायु गति आठ किमी प्रति घंटा थी। न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 26 वर्षों में अक्टूबर महीने में सबसे कम था। शांत हवाएं और कम तापमान प्रदूषकों को जमीन के करीब ही रखती हैं, जबकि वायु गति अधिक रहने से उनका छितराव होता है।