जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में छात्रों और शिक्षकों पर हमले के चार दिन बाद एक बार फिर छात्र दिल्ली की सड़कों पर उतरे हैं। वह विश्वविद्यालय के कुलपति को पद से हटाने, बढ़ाई गई फीस को वापस लेने और हिंसा को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्र और शिक्षक पैदल मार्च करते हुए मंडी हाउस तक जाना चाहते हैं, हालांकि पुलिस ने उन्हें विश्वविद्यालय के बाहर ही रोक दिया है।
छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए जेएनयू के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस का कहना है कि छात्र और शिक्षक अगर मंडी हाउस तक जाना चाहते हैं तो वह बसों के जरिए जा सकते हैं, लेकिन पैदल मार्च की इजाजत नहीं दी जाएगी।
जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार विश्वविद्यालय परिसर में रविवार को भड़की हिंसा पर कार्रवाई नहीं होने के मामले में लगातार आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उन्हें परिसर में स्थिति सामान्य करने के लिए कदम उठाने का परामर्श दिया। भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच परिसर में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। रविवार की हिंसा के बाद बड़ी संख्या में छात्र परिसर में नहीं आ रहे हैं। परिसर में वैध परिचय पत्र के साथ छात्रों को ही प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) देवेंद्र आर्य ने कहा कि जेएनयू में हालात नियंत्रण में हैं। जेएनयू प्रशासन के अनुरोध पर पुलिस की मौजूदगी बनी रहेगी। कुमार के इस्तीफे की बढ़ती मांग के बीच जेएनयू शिक्षक संघ ने कहा कि परिसर पर हमला विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रश्रय तथा पुलिस की जानबूझकर बरती गयी निष्क्रियता के बगैर संभव नहीं था।
कुलपति ने अधिकारियों को इच्छुक छात्रों के लिए सेमिस्टर पंजीकरण प्रक्रिया सुगम बनाने तथा सकारात्मक माहौल बनाने के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।
जेएनयू परिसर में रविवार को नकाबपोश लोगों की भीड़ ने घुसकर तीन छात्रावासों में छात्रों पर हमला किया। लाठी, लोहे की छड़ हाथ में लिये इन हमलावरों ने शिक्षकों पर भी हमला किया तथा संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार उन्हें इस पूरे घटनाक्रम से जुड़ी 11 शिकायतें मिली हैं जिनमें एक शिकायत एक प्रोफेसर ने दर्ज कराई है।
परिसर में हिंसा के दौरान कार्रवाई नहीं करने को लेकर पुलिस की भी आलोचना हुई। तोड़फोड़ के मामले में दर्ज दो प्राथमिकियों में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत अन्य यूनियन नेताओं को नामजद करने पर भी पुलिस आलोचनाओं के घेरे में है। मामले में किसी को भी आरोपी के तौर पर नामजद नहीं किया गया है।