दिल्ली: संपत्ति बेचने के लिये एएसआई का जाली पत्र बनाने के मामले में एक व्यक्ति गिरफ्तार

By भाषा | Updated: November 11, 2020 23:11 IST2020-11-11T23:11:12+5:302020-11-11T23:11:12+5:30

Delhi: One person arrested for making fake letter of ASI to sell property | दिल्ली: संपत्ति बेचने के लिये एएसआई का जाली पत्र बनाने के मामले में एक व्यक्ति गिरफ्तार

दिल्ली: संपत्ति बेचने के लिये एएसआई का जाली पत्र बनाने के मामले में एक व्यक्ति गिरफ्तार

नयी दिल्ली, 11 नवंबर दिल्ली के पंचशील पार्क में एक संरक्षित स्मारक के निकट स्थित अपनी संपत्ति को बेचने के वास्ते कथित रूप से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का जाली पत्र बनाने के लिये 49 वर्षीय कारोबारी को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने बुधवार को बताया कि आरोपी की पहचान पंचशील पार्क के निवासी वरुण कृष्ण विज के रूप में हुई है।

पुलिस ने कहा कि विज ने 2012-13 में क्रय एवं विपणन कंसलटेंसी कंपनी शुरू की थी, लेकिन उसका काम अच्छा नहीं चल रहा था। वह अपनी शानो-शौकत की जीवनशैली को बरकरार रखने के लिये पंचशील पार्क में एएसआई द्वारा संरक्षित स्मारक से 40.5 मीटर दूर स्थित अपनी संपत्ति बेचना चाहता था।

पुलिस ने बताया कि उसने संपत्ति बेचने के लिये एएसआई का जाली अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) तैयार किया।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) ओपी मिश्रा ने बताया कि विज के खिलाफ अजय चौधरी नामक एक व्यक्ति की शिकायत पर 2018 में मामला दर्ज किया गया था।

उन्होंने कहा कि शिकायत में आरोप लगाया था कि विज ने 2011 में अपनी संपत्ति बेचने के लिये चौधरी से संपर्क किया था। काफी चर्चा के बाद चौधरी ने कहा था कि यह संपत्ति तो संरक्षित स्मारक के निकट स्थित है।

अधिकारी ने कहा कि चौधरी को मनाने के लिये आरोपी ने कथित रूप से एएसआई द्वारा जारी एक पत्र उन्हें दिया।

प्राचीन स्मारक, पुरातत्व स्थल एवं उनके अवशेष अधिनियम के अनुसार एएसआई संरक्षित स्मारक के आसपास के 100 मीटर के इलाके को प्रतिबंधित क्षेत्र कहा जाता है और इसके आस-पास किसी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं होती। अगले 200 मीटर के इलाके को विनियमित क्षेत्र कहा जाता है, जहां निर्माण के लिये संबंधित प्राधिकरण से अनुमति लेनी होती है।

मिश्रा ने कहा कि चौधरी ने आरोपी की बातों पर यकीन कर उससे 21.21 करोड़ रुपये में संपत्ति खरीदने का करार कर लिया। करार के तहत उसने अपने निजी खाते से 7.21 करोड़ रुपये और अपनी कंपनी के खाते से 1.10 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया।

अधिकारी ने कहा कि रुपये मिलने के बाद भी विज ने संपत्ति चौधरी के हवाले नहीं की।

मिश्रा ने कहा कि जब चौधरी ने पूछताछ की तो पता चला कि उसे ठग लिया गया। आरोपी ने एएसआई की, जो एनओसी उसे सौंपी थी, वह जाली थी।

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Web Title: Delhi: One person arrested for making fake letter of ASI to sell property

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