श्रम मंत्रालयः आठ नहीं 12 घंटे के कार्यदिवस का प्रस्ताव, आधे घंटे का विश्राम, जानिए क्या होंगे फायदे
By सतीश कुमार सिंह | Updated: November 21, 2020 15:03 IST2020-11-21T14:55:34+5:302020-11-21T15:03:06+5:30
मंत्रालय का कहना है कि ओवरटाइम करने पर अधिक कमाई करने की सुविधा भी मिलेगी। श्रमिक का कई फायदे भी हो सकता है। सप्ताह के हिसाब से हर रोज कार्य के घंटे इस तरह से तय करने होंगे कि पूरे सप्ताह में ये 48 घंटे से अधिक न हो पायें।

श्रमिकों को ओवरटाइम भत्ता के माध्यम से अधिक कमाई करने की सुविधा मिलेगी। (file photo)
नई दिल्लीः श्रम मंत्रालय ने अहम प्रस्ताव दिया है। एक दिन में अधिकतम 12 घंटे के कार्यदिवस का प्रस्ताव दिया गया है। अभी कार्य दिवस 8 घंटे का होता है। प्रस्ताव के मसौदे में कहा गया है कि इसमें अल्पकालिक अवकाश भी होगा। यह अवकाश आधे घंटे का होगा।
मंत्रालय का कहना है कि ओवरटाइम करने पर अधिक कमाई करने की सुविधा भी मिलेगी। श्रमिक का कई फायदे भी हो सकता है। सप्ताह के हिसाब से हर रोज कार्य के घंटे इस तरह से तय करने होंगे कि पूरे सप्ताह में ये 48 घंटे से अधिक न हो पायें।
मंत्रालय ने व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य शर्तें (ओएसएच) संहिता 2020 के मसौदा नियमों के तहत अधिकतम 12 घंटे के कार्य दिवस का प्रस्ताव दिया है। हालांकि 19 नवंबर 2020 को अधिसूचित इस मसौदे में साप्ताहिक कार्य घंटे को 48 घंटे पर बरकरार रखा गया है। मौजूदा प्रवाधानों के तहत आठ घंटे के कार्यदिवस में कार्य सप्ताह छह दिन का होता है तथा एक दिन अवकाश का होता है।
श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘यह भारत की विषम जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जहां काम पूरे दिन में बंटा हुआ होता है। इससे श्रमिकों को ओवरटाइम भत्ता के माध्यम से अधिक कमाई करने की सुविधा मिलेगी।’’
अधिकारी ने कहा, "हमने मसौदा नियमों में आवश्यक प्रावधान किया है ताकि आठ घंटे से अधिक काम करने वाले सभी श्रमिकों को ओवरटाइम मिल सके।’’ ओएसएच संहिता के मसौदा नियमों के अनुसार, किसी भी दिन ओवरटाइम की गणना में 15 से 30 मिनट के समय को 30 मिनट गिना जायेगा। मौजूदा व्यवस्था के तहत 30 मिनट से कम समय की गिनती ओवरटाइम के रूप में नहीं की जाती है।
मसौदा नियमों में कहा गया है, ‘‘किसी भी श्रमिक को एक सप्ताह में 48 घंटे से अधिक समय तक किसी प्रतिष्ठान में काम करने की आवश्यक्ता नहीं होगी और न ही ऐसा करने की अनुमति दी जायेगी। काम के घंटे को इस तरीके से व्यवस्थित करना होगा कि बीच में आराम के लिए इंटरवल के समय समेत किसी भी दिन कार्य के घंटे 12 से अधिक नहीं होने चाहिये।’’ मसौदे के अनुसार, कोई भी व्यक्ति कम से कम आधे घंटे के इंटरवल के बिना पांच घंटे से अधिक लगातार काम नहीं करेगा।
जानिए क्या है फायदे...
ओवरटाइम की गणना में 15 से 30 मिनट के समय को 30 मिनट गिना जायेगा
कोई भी व्यक्ति कम से कम आधे घंटे के इंटरवल के बिना पांच घंटे से अधिक लगातार काम नहीं करेगा
किसी भी दिन कार्य के घंटे 12 से अधिक नहीं होने चाहिये
श्रमिकों को ओवरटाइम भत्ता के माध्यम से अधिक कमाई करने की सुविधा मिलेगी
आठ घंटे से अधिक काम करने वाले सभी श्रमिकों को ओवरटाइम मिलेगा
सप्ताह में 48 घंटे से अधिक समय तक किसी प्रतिष्ठान में काम करने की आवश्यक्ता नहीं होगा