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दिल्ली के मंत्री ने गोयल से घर घर राशन योजना की अनुमति नहीं देने वाले आदेश को वापस लेने का आग्रह किया

By भाषा | Updated: October 11, 2021 22:05 IST

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नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर दिल्ली के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन ने सोमवार को केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल से दिल्ली सरकार की घर-घर राशन वितरण योजना को लागू करने से रोकने वाले आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया।

केंद्र ने आठ अक्टूबर को दिल्ली सरकार के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग को पत्र लिखकर कहा था कि घर पर राशन आपूर्ति योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधानों के खिलाफ है और इसलिए इसे "लागू नहीं किया जाना चाहिए।"

सोमवार को गोयल को लिखी चिट्टी में हुसैन ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के साथ “भेदभावपूर्ण व्यवहार” किया जा रहा है और अन्य राज्य सरकारें पहले ही ऐसी योजनाओं को लागू कर चुकी हैं।

हुसैन ने पत्र में कहा, “मुझे हैरानी है कि दिल्ली के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार क्यों किया जा रहा है और योजना को लागू करने से रोकने के लिए आपत्तियां उठाई जा रही हैं।”

उन्होंने कहा, “आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे कई अन्य राज्यों ने पहले ही राशन की घर पर आपूर्ति शुरू कर दी है।”

दिल्ली सरकार ने मंगलवार को अपनी घर-घर राशन वितरण योजना की फाइल उपराज्यपाल अनिल बैजल को उनकी मंजूरी के लिए भेज दी थी। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने आदेश में पिछले महीने केजरीवाल सरकार को योजना को सशर्त रूप से लागू करने की अनुमति दी थी।

दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को दावा किया था कि उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद केंद्र ने एक बार फिर दिल्ली सरकार को राशन डीलर्स संघ की शिकायत के आधार पर इस योजना को लागू करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने पत्र में कहा था कि दिल्ली सरकार की घर पर ही राशन आपूर्ति करने की योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के प्रावधानों के खिलाफ है और इसलिए इसे "लागू नहीं किया जाना चाहिए।"

मंत्री ने पत्र में दोहराया कि यह योजना पूरी तरह से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के प्रावधानों के अनुरूप है।

हुसैने कहा, “उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को इस योजना को लागू करने की अनुमति दे दी है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह तथ्य आपके संज्ञान में नहीं लाया गया है।”

उन्होंने कहा, ‘हम आपसे आग्रह करते हैं कि अपने पत्र को वापस ले लें।” हुसैन ने कहा कि कहीं ऐसी धारणा न बन जाए कि केंद्र सरकार उच्च न्यायालय के आदेश में बाधा डाल रही है।

अरविंद केजरीवाल सरकार का इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू करने को लेकर लंबे समय से उपराज्यपाल और केंद्र के साथ विवाद है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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