दिल्ली उच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को फटकार लगाई

By भाषा | Updated: November 3, 2020 21:27 IST2020-11-03T21:27:01+5:302020-11-03T21:27:01+5:30

Delhi High Court reprimanded the Central Government and the National Medical Commission | दिल्ली उच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को फटकार लगाई

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को फटकार लगाई

नयी दिल्ली, तीन नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) के कर्मचारियों और अधिकारियों की सेवा के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश की ''अनदेखी'' का प्रयास करने पर मंगलवार को केन्द्र सरकार और नवगठित राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को फटकार लगाई।

इस साल सितंबर में एनएमसी ने देश में चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सकों के नियामक निकाय के रूप में एमसीआई की जगह ले ली थी।

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने एमसीआई के अधिकारियों के कंप्यूटर बंद करने, उनकी हाजिरी के लिए बायोमीट्रिक प्रणाली हटाने और उन्हें सात अक्टूबर तक परिसर खाली करने का निर्देश देने से संबंधित केन्द्र सरकार और एनएमसी के पांच अक्टूबर फैसले पर नाराजगी जाहिर की।

पीठ ने कहा कि अदालत ने पिछले साल नवंबर में एमसीआई के अधिकारियों की सेवा के संबंध यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। पांच अक्टूबर को लिया गया फैसला प्रथम दृष्ट्या उस आदेश की अनदेखी का प्रयास है। लिहाजा केन्द्र और एनएमसी के फैसले पर 12 जनवरी 2021 को अगली सुनवाई तक रोक लगाई जाती है।

अदालत ने केन्द्र और एनएमसी से सवाल किया कि जब एमसीआई के अधिकारियों को उनकी ड्यूटी नहीं करने दी जा रही तो वे उन्हें वेतन का भुगतान कर जनता के पैसे को ''बर्बाद'' क्यों कर रहे हैं।

पीठ ने कहा, ''कौन सी व्यवस्था आपको इस तरह के भुगतान की अनुमति देती है? ऐसा करने के लिए आपको (एनएमसी) कोष कहां से मिल रहा है। क्या आपने एमसीआई के कोष पर कब्जा कर लिया है? क्या आप इस तरह जनता का पैसा खर्च कर सकते हैं?''

एनएमसी की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि एनएमसी ने एमसीआई के अधिकारियों और कर्मचारियों के सिंतबर और अक्टूबर के वेतन का भुगतान कर दिया है, लेकिन उन्हें कोई काम नहीं दिया जा रहा है।

एनएमसी के वकील की इस बात पर अदालत ने ये कड़ी टिप्पणियां कीं।

अदालत ने पांच अक्टूबर के आदेश पर रोक लगाते हुए निर्देश दिया कि एमसीआई के अधिकारियों के कंप्यूटरों का चालू रखा जाए। साथ ही उनकी हाजिरी के लिए बायोमीट्रिक प्रणाली लगाई जाए।

एमसीआई के 94 कर्मचारियों और अधिकारियों ने अवमानना याचिका दायर की थी, जिसपर अदालत ने यह आदेश दिया। याचिका में दावा किया गया था कि पांच अक्टूबर का आदेश उच्च न्यायालय के 11 नवंबर 2019 के आदेश की अवमानना है।

Web Title: Delhi High Court reprimanded the Central Government and the National Medical Commission

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