दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा-केजरीवाल सरकार की पूरी व्यवस्था नाकाम, क्या आप कालाबाजारी से अवगत हैं...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 27, 2021 20:09 IST2021-04-27T18:30:35+5:302021-04-27T20:09:47+5:30

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि यह समय गिद्ध बनने का नहीं है।

Delhi High Court Kejriwal government's entire system failed are you aware of black marketing covid | दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा-केजरीवाल सरकार की पूरी व्यवस्था नाकाम, क्या आप कालाबाजारी से अवगत हैं...

दिल्ली सरकार विभिन्न अस्पतालों में 44 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करेगी, जिनमें 21 संयंत्रों का फ्रांस से आयात किया जाएगा।

Highlightsपीठ ने ऑक्सीजन रिफिल करने वालों से कहा, ‘‘क्या आप कालाबाजारी से अवगत हैं। क्या यह कोई अच्छा मानवीय कदम है?’’ पीठ ने आगे कहा कि राज्य सरकार इस गड़बड़ी को दूर करने में नाकाम रही है।आपके पास अधिकार हैं, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की काला बाजारी में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी पर कहा कि यह गड़बड़ी है जिसका समाधान करने में आप विफल रहे हैं।

उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि आप सरकार की पूरी व्यवस्था नाकाम रही है और ऑक्सीजन सिलेंडरों तथा कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए प्रमुख दवाओं की कालाबाजारी हो रही है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि यह समय गिद्ध बनने का नहीं है।

दवाओं की काला बाजारी में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें

पीठ ने ऑक्सीजन रिफिल करने वालों से कहा, ‘‘क्या आप कालाबाजारी से अवगत हैं। क्या यह कोई अच्छा मानवीय कदम है?’’ पीठ ने आगे कहा कि राज्य सरकार इस गड़बड़ी को दूर करने में नाकाम रही है। अदालत ने कहा, ‘‘आपके पास अधिकार हैं, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की काला बाजारी में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें।’’ 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह ऑक्सीजन सिलेंडरों और कोविड रोगियों के उपचार से जुड़ी महत्वपूर्ण दवाओं की कालाबाजारी रोके तथा अस्पतालों और लोगों को ऑक्सीजन वितरण से जुड़े मुद्दे का समाधान करे। इसने दिल्ली सरकार से कहा कि वह अस्पतालों और नर्सिंग होम में ऑक्सीजन की कमी की वजह से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या पर रिपोर्ट दायर करे।

उच्च न्यायालय ने सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह ऑक्सीजन भरनेवाले उस संयंत्र का नियंत्रण अपने हाथ में ले जो अस्पतालों को प्राणवायु की आपूर्ति नहीं कर रहा और कथित तौर पर इसकी कालाबाजारी कर रहा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि इसी तरह की कार्रवाई उन अन्य आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ भी की जाए जो संबंधित दायित्व निभाने से इनकार करें।

इसके साथ ही इसने दिल्ली सरकार से यह भी कहा कि वह अस्पतालों तथा फार्मेसी में रेमडेसिविर, फैबिफ्लू और टोसिलिजुमैब जैसी दवाओं के भंडार और इसकी बिक्री का जायजा ले क्योंकि लोगों को ये दवा नहीं मिल रही हैं और काले बाजार में महंगे दामों में बिक रही हैं। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति का लेखा-जोखा न रखे जाने का परिणाम ‘‘गैस की कृत्रिम कमी और कालाबाजारी के रूप में निकल रहा है।’’

केंद्र ने ऑक्सीजन की खरीद के लिए ‘जरूरी कदम नहीं उठाने’ को लेकर केजरीवाल सरकार की खिंचाई की

केंद्र ने अरविंद केजरीवाल नीत दिल्ली सरकार को नगर के विभिन्न अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन की ढुलाई की खातिर टैंकरों की व्यवस्था करने में कथित रूप से विफल रहने पर फटकार लगायी और कहा कि समय से कदम उठाए जाने पर "दुखद घटनाओं से बचा जा सकता था।’’

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव को लिखे एक तीखे पत्र में यह भी दावा किया कि ऑक्सीजन की खरीद के लिए विभिन्न जरूरी मुद्दों के हल की खातिर दिल्ली सरकार के प्रयास समय के अनुसार ‘पर्याप्त’’ नहीं थे जबकि अन्य राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस संबंध में बेहतर और पेशेवर तरीके से प्रयास कर रहे हैं। भल्ला ने यह पत्र 25 अप्रैल को लिखा था। हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार थाईलैंड से 18 ‘क्रायोजेनिक’ टैंकरों और फ्रांस से तैयार 21 ऑक्सीजन संयंत्रों का आयात करेगी।

केजरीवाल ने कहा कि पिछले सप्ताह कोविड​​-19 मामलों में भारी वृद्धि के बीच ऑक्सीजन की काफी कमी देखी गई और पिछले दो दिनों में स्थिति में काफी सुधार हुआ है। केजरीवाल ने एक ऑनलाइन प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि अगले महीने दिल्ली सरकार विभिन्न अस्पतालों में 44 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करेगी, जिनमें 21 संयंत्रों का फ्रांस से आयात किया जाएगा।

केंद्र 30 अप्रैल तक आठ ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने दिल्ली को पांच ऑक्सीजन टैंकर उपलब्ध कराए हैं। उद्योगों को ऑक्सीजन आपूर्ति रोकने, ऑक्सीजन टैंकरों की सुचारू आवाजाही, विदेशों से टैंकर मंगाने जैसे केंद्रीय सरकार के विभिन्न कदमों को रेखांकित करते हुए केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि सभी राज्य सरकारें और केंद्रशासित प्रदेश पिछले कुछ दिनों से अपने स्तर पर लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस संबंध में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा एक विशेष डिजिटल समूह का भी गठन किया गया है।

भल्ला ने अपने पत्र में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध करते हुए कहा, "हालांकि, दिल्ली सरकार अब तक शायद ही किसी टैंकर की व्यवस्था कर पाई है, जबकि भारत सरकार द्वारा ऑक्सीजन के आवंटन के कई दिन हो चुके हैं।"

गृह सचिव ने कहा कि अभी चिकित्सीय ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है और दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श के बाद 21 अप्रैल को दिल्ली के लिए 480 मीट्रिक टन जीवन रक्षक गैस का आवंटन किया गया था। उन्होंने कहा, "हालांकि, मेरे ध्यान में लाया गया है कि भारत सरकार द्वारा वास्तविक आवंटन की तुलना में दिल्ली को कम आपूर्ति मिली है, जो मुख्य रूप से ढुलायी से संबंधित (लॉजिस्टिक) वजहों के कारण है, जिनका राज्य सरकार द्वारा हल नहीं किया गया है।’’

भल्ला ने कहा कि दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन के मुख्य आपूर्तिकर्ताओं में से एक आइनॉक्स को दिल्ली के अंदर स्थित 17 अस्पतालों को 98 एमटी गैस की आपूर्ति करने का निर्देश दिया था, जबकि आईनॉक्स लंबे समय से दिल्ली के भीतर स्थित 45 अस्पतालों को 105 एमटी गैस की आपूर्ति कर रही है। ऑक्सीजन गैस की कमी के कारण मरीजों की मौत के संबंध में भल्ला ने कहा, " अगर दिल्ली सरकार द्वारा समय से विभिन्न हितधारकों, खासकर आपूर्तिकर्ताओं और संबंधित अस्पतालों के साथ उचित, प्रभावी और सार्थक विचार-विमर्श किया होता तो इससे बचा जा सकता था।’’

Web Title: Delhi High Court Kejriwal government's entire system failed are you aware of black marketing covid

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