दिल्ली उच्च न्यायालय ने रेमडेसिविर संबंधी ‘परिवर्तित’ प्रोटोकॉल पर नाराजगी जतायी

By भाषा | Updated: April 28, 2021 23:05 IST2021-04-28T23:05:13+5:302021-04-28T23:05:13+5:30

Delhi High Court expresses displeasure over 'changed' protocol related to Remedisvir | दिल्ली उच्च न्यायालय ने रेमडेसिविर संबंधी ‘परिवर्तित’ प्रोटोकॉल पर नाराजगी जतायी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने रेमडेसिविर संबंधी ‘परिवर्तित’ प्रोटोकॉल पर नाराजगी जतायी

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड उपचार प्रोटोकॉल में परिवर्तन, आवंटित ऑक्सीजन की पूरी तरह आपूर्ति नहीं होने पर बुधवार को नाराजगी जतायी। अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र चाहता है कि ‘‘लोग मरते रहें’’ क्योंकि कोविड-19 के उपचार में रेमडेसिविर के इस्तेमाल को लेकर ‘परिवर्तित’ प्रोटोकॉल के मुताबिक केवल ऑक्सीजन पर आश्रित मरीजों को ही यह दवा दी जा सकती है।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने केंद्र सरकार से कहा, ‘‘यह गलत है। ऐसा लगता है दिमाग का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं हुआ है। अब जिनके पास ऑक्सीजन की सुविधा नहीं है उन्हें रेमडेसिविर दवा नहीं मिलेगी। ऐसा प्रतीत होता है कि आप चाहते हैं लोग मरते रहें।’’

केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि प्रोटोकॉल के तहत ऑक्सीजन पर आश्रित मरीजों को ही अब रेमडेसिविर दवा दी जा रही है।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘रेमडेसिविर की कमी की भरपाई के लिए प्रोटोकॉल नहीं बदलें। यह गलत है। इससे डॉक्टर रेमडेसिविर दवा नहीं लिख पाएंगे। अदालत ने कहा, ‘‘यह सरासर कुप्रबंधन है।’’

दिल्ली को रेमडेसिविर के आवंटन पर केंद्र ने अदालत को बताया कि आवंटित 72,000 दवाओं में 52,000 शीशियां 27 अप्रैल तक राष्ट्रीय राजधानी भेजी गयी।

केंद्र ने कहा कि राज्य के संक्रमण के उपचाराधीन मामलों के हिसाब से दवा का आवंटन किया जा रहा है।

अदालत ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि एक सांसद ने दिल्ली से रेमडेसिविर की 10,000 शीशियां हासिल कर ली और उसे निजी विमान से महाराष्ट्र में अहमदनगर ले गए और वहां पर उसका वितरण किया।

केंद्र ने कहा कि आगामी दिनों में उत्पादन बढ़ने से आवंटन बढ़ाया जाएगा।

अदालत कोविड-19 से संक्रमित एक वकील की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्हें रेमडेसिविर की छह खुराकों में केवल तीन खुराकें ही मिल पायी थी।

अदालत के हस्तक्षेप के कारण वकील को मंगलवार (27 अप्रैल) रात बाकी खुराक मिल गयी।

महामारी के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय में दाखिल कई याचिकाओं पर अलग-अलग पीठें सुनवाई कर रही हैं।

उच्च न्यायालय ने बुधवार को नागरिकों से अपील की कि ऑक्सीजन सिलेंडर और कोविड-19 रोगियों के उपचार में काम आने वाली दवाओं की जमाखोरी न करें जिससे कृत्रिम कमी से बचा जा सके और जरूरतमंदों को यह सुलभ हो सकें।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ चार घंटे तक मामले की सुनवाई के बाद चिकित्सीय ऑक्सीजन के संकट और कोविड-19 महामारी से जुड़े अन्य मुद्दों पर अदालत की मदद के लिये वरिष्ठ अधिवक्ता राज शेखर राव को न्यायमित्र नियुक्त किया।

पीठ ने दिल्ली सरकार को इस स्थिति में सशस्त्र बलों की सेवाएं लेने के सुझाव पर भी विचार करने को कहा क्योंकि वे फील्ड अस्पताल बना सकते हैं जिससे बड़ी संख्या में कोविड-19 रोगियों की मदद हो सकती है। अदालत ने सरकार से उचित कदम उठाने को कहा है।

अदालत ने सरकार से बीते सात दिनों के दौरान हुई आरटी-पीसीआर जांचों की संख्या को लेकर रिपोर्ट देने और इनमें आई कमी का कारण बताने को कहा है।

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Web Title: Delhi High Court expresses displeasure over 'changed' protocol related to Remedisvir

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