दिल्ली उच्च न्यायालय ने लोक इंसाफ पार्टी की याचिका खारिज की, जुर्माना लगाया

By भाषा | Updated: November 13, 2021 17:31 IST2021-11-13T17:31:04+5:302021-11-13T17:31:04+5:30

Delhi High Court dismisses the petition of Lok Insaaf Party, imposes fine | दिल्ली उच्च न्यायालय ने लोक इंसाफ पार्टी की याचिका खारिज की, जुर्माना लगाया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने लोक इंसाफ पार्टी की याचिका खारिज की, जुर्माना लगाया

नयी दिल्ली, 13 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए ‘लेटर बॉक्स’ चुनाव चिह्न के आवंटन को चुनौती देने वाली ‘लोक इंसाफ पार्टी’ की याचिका खारिज करने के साथ उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने कहा कि 'ट्रैक्टर चलाता किसान' को अपने चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित करने का अनुरोध करने वाले राजनीतिक संगठन ने गलत तथ्यों के आधार पर अदालत का रुख किया और निर्देश दिया कि जुर्माने की रकम दो सप्ताह के भीतर दिल्ली उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के पास जमा की जाए।

याचिकाकर्ता पार्टी ने अदालत को सूचित किया कि उसने निर्वाचन आयोग को एक आम चिह्न के आवंटन के लिए आवेदन किया था, जिसमें कहा गया था कि ‘ट्रैक्टर चलाता किसान’ और ‘लेटर बॉक्स’ क्रमशः उसकी पहली और दूसरी प्राथमिकता है।

याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष दावा किया कि पंजाब में 'ट्रैक्टर चलाता किसान' का चिह्न पंजीकृत, गैर-मान्यता प्राप्त दलों को आवंटन के लिए उपलब्ध प्रतीकों में से एक है। निर्वाचन आयोग ने दलील दी कि याचिकाकर्ता मूल तथ्यों को छिपा रहा है क्योंकि यह चिह्न एक स्वतंत्र चिह्न नहीं है और इसे उसके द्वारा अधिसूचित भी किया गया था।

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने दावे का समर्थन करने के लिए निर्वाचन आयोग के दस्तावेजों के ‘‘एक पुराने संस्करण’’ को संलग्न किया कि संबंधित चिह्न एक स्वतंत्र प्रतीक था और याचिकाकर्ता की इस दलील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि चूक अनजाने में हुई।

अदालत ने कहा कि असम में एक मान्यता प्राप्त पार्टी को ‘ट्रैक्टर चलाता किसान' का चिह्न आवंटित किया गया था और किसी भी राज्य में किसी मान्यता प्राप्त दल के लिए आरक्षित चिह्न दूसरे राज्यों में किसी गैर-मान्यता प्राप्त पार्टी को आवंटित करने की अनुमति नहीं है।

अदालत ने 11 नवंबर के आदेश में कहा, ‘‘याचिका खारिज की जाती है। चूंकि याचिकाकर्ता ने इस अदालत में सही तथ्यों को नहीं रखा इसलिए वह जुर्माने का हकदार है।’’

न्यायाधीश ने कहा कि किसी भी तरह याचिकाकर्ता यह दिखाने में विफल रहा कि गैर-मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दल को किसी विशेष प्रतीक का अधिकार है। अदालत ने कहा कि वर्तमान मामले में याचिकाकर्ता को आवंटित ‘लेटर बॉक्स’ का चुनाव चिह्न उसकी दूसरी प्राथमिकता थी और इसी चिह्न पर उसने पिछला चुनाव लड़ा था।

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Web Title: Delhi High Court dismisses the petition of Lok Insaaf Party, imposes fine

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