ब्लैक फंगस रोगियों के इलाज के लिए विशेष केंद्र बनाएगी दिल्ली सरकार

By भाषा | Updated: May 20, 2021 19:09 IST2021-05-20T19:09:16+5:302021-05-20T19:09:16+5:30

Delhi government will create special center for treatment of black fungus patients | ब्लैक फंगस रोगियों के इलाज के लिए विशेष केंद्र बनाएगी दिल्ली सरकार

ब्लैक फंगस रोगियों के इलाज के लिए विशेष केंद्र बनाएगी दिल्ली सरकार

नयी दिल्ली, 20 मई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस के इलाज के लिए दिल्ली सरकार के तीन अस्पतालों में विशेष केंद्र बनाये जाएंगे।

केजरीवाल ने यहां एक उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों पर विचार-विमर्श करने के बाद यह घोषणा की। बैठक में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और मुख्य सचिव विजय कुमार देव ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ब्लैक फंगस बीमारी की रोकथाम और इलाज के लिए बैठक में कुछ अहम निर्णय लिए। ब्लैक फंगस के इलाज के लिए लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में केंद्र बनाये जाएंगे।’’

सरकार के एक बयान में कहा गया कि तीनों केंद्रों में डॉक्टरों के विशेष दल तैनात किये जाएंगे।

केजरीवाल ने कहा कि इस बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का पर्याप्त मात्रा में प्रबंध किया जाएगा और बीमारी से बचाव के उपायों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है इसलिए बाहर से भी लोग यहां इलाज कराने के लिए आते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें ब्लैक फंगस के उपचार के लिए आने वाले सभी लोगों की जरूरत के हिसाब से पर्याप्त दवाएं रखनी होंगी। हमें इस बीमारी को बढ़ने से भी रोकना है और जिन्हें ये बीमारी हो रही है उन्हें जल्द से जल्द बेहतर इलाज देना है।’’

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार केंद्र से जरूरी दवाएं भी खरीदेगी।

दिल्ली के अस्पतालों में नोवेल कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण से स्वस्थ हुए कुछ लोगों में ब्लैक फंगस की बीमारी के मामले सामने आये हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार संक्रमितों द्वारा बिना डॉक्टरों की सलाह के घर में स्टेरॉइड का अनावश्यक अधिक इस्तेमाल करने की वजह से इस तरह के मामले आ रहे हैं।

यह फंगल संक्रमण फेफड़ों, साइनस, आंखों और मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है तथा मधुमेह पीड़ितों के लिए घातक हो सकता है।

इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में ईएनटी विशेषज्ञ सुरेश सिंह नारुका के अनुसार मधुमेह, किडनी रोग, यकृत रोग, वृद्धावस्था, हृदय संबंधी व्याधियों आदि के कारण जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उन्हें म्यूकरमाइकोसिस होने का जोखिम अधिक होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब ऐसे रोगियों को स्टेरॉइड दिये जाते हैं तो उनकी प्रतिरोधक क्षमता और कम हो जाती है और फंगस का प्रकोप बढ़ जाता है।’’

एम्स में सहायक प्रोफेसर युद्धवीर ने कहा कि म्यूकरमाइकोसिस के इलाज में कारगर दवा एम्फोटेरिसिन-बी सामान्य तरीके से बाजार में उपलब्ध नहीं होती और बहुत कम मात्रा में इसका उत्पादन होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 से पहले दवा का अधिक इस्तेमाल नहीं होता था। अब इसकी मांग बढ़ गयी है जिसकी वजह से इसकी कमी हो गयी है।

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Web Title: Delhi government will create special center for treatment of black fungus patients

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