निचली अदालत में हाइब्रिड सुनवाई के लिए तेजी से कदम उठाए दिल्ली सरकार : उच्च न्यायालय

By भाषा | Updated: September 6, 2021 19:56 IST2021-09-06T19:56:56+5:302021-09-06T19:56:56+5:30

Delhi government should take swift steps for hybrid hearing in lower court: High Court | निचली अदालत में हाइब्रिड सुनवाई के लिए तेजी से कदम उठाए दिल्ली सरकार : उच्च न्यायालय

निचली अदालत में हाइब्रिड सुनवाई के लिए तेजी से कदम उठाए दिल्ली सरकार : उच्च न्यायालय

नयी दिल्ली, छह सितंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली सरकार को स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर वह निचली अदालतों और अर्ध-न्यायिक निकायों में हाइब्रिड (एक साथ ऑनलाइन-ऑफलाइन सुनवाई) के लिए अवंसरचना स्थापित करने के प्रस्ताव को खर्च के आधार पर अस्वीकार करती है तो वह अप्रैल 2020 के बाद सरकार द्वारा सब्सिडी और विज्ञापन पर किए गए खर्चों का परीक्षण करेगा।

दिल्ली सरकार को इस उद्देश्य के लिए उचित बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए त्वरित कदम उठाने का निर्देश देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि यह ध्यान में रखा गया है कि प्राधिकरण सब्सिडी और विज्ञापनों पर भारी पैसा खर्च करते हैं।

अदालत ने कहा कि महामारी खत्म नहीं हुई है और नागरिकों को न्याय से वंचित नहीं किया जा सकता ऐसे में प्रौद्योगिकी को अंगीकार करने की जरूरत है और इस परियोजना पर आने वाले खर्च को आवश्यक माना जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, ‘‘हम शटल कॉक की तरह इधर-उधर घूमना नहीं चाहते हैं। हमें प्रणाली की जरूरत है। अदालतें इसका सामना नहीं कर पा रही हैं। इसे वेवजह की कवायद नहीं समझें। महामारी खत्म नहीं हुई है, आप खर्चों की प्राथमिकता तय करें। यह बेकार या मनोरंजन के लिए खर्च नहीं है। यह विलासिता के लिए नहीं है, निश्चित तौर पर यह जरूरी है।हमने इस प्रौद्योगिकी को अंगीकार किया है।’’

अदालत अधिवक्ता अनिल कुमार हाजेले और मन्सवी झा की ओर से दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कोविड-19 के खतरे के मद्देनजर जिला अदालतों में आमने-सामने की सुनवाई के दौरान हाइब्रिड सुनवाई की व्यवस्था करने सहित कई अनुरोध किए गए हैं।

इससे पहले अदालत को दिल्ली सरकार ने सूचित किया था कि जिला अदालतों में हाइब्रिड सुनवाई की व्यवस्था करने और राउटर खरीदने के लिए 227 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है और 12 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रस्ताव मौजूदा प्रणाली को अद्यतन करने के लिए प्राप्त हुआ है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम अधिकारियों को स्पष्ट कर चुके हैं और सरकार को भी स्पष्ट करना चाहते हैं कि ऐसे मामलों में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। न्याय तक पहुंच का अधिकार सभी नागरिकों को प्राप्त है और महामारी के मौजूदा हालात की वजह से यह बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।’’

उच्च न्यायालय ने कहा कि जिला अदालत के साथ-साथ उपभोक्ता फोरम/अदालत अवसंरचना और अन्य सुविधाओं की वजह से प्रभावशाली तरीके से काम नहीं कर पा रही हैं। मामलों की सख्या बढ़ती जा रही है और लोगों को अपनी शिकायतों पर सुनवाई के लिए इंतजार करना होगा।

पीठ ने आगे कहा, ‘‘कोई वैज्ञानिक रिपोर्ट नहीं है जो बताए कि हम जल्द मौजूदा महामारी को समाप्त होता देखेंगे। हम सब लंबी दौड़ में हैं और अदालतों में आमने-सामने की सुनवाई करने से पहले अनिश्चित काल के लिए ऑनलाइन सुनवाई करनी पड़ सकती है।

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Web Title: Delhi government should take swift steps for hybrid hearing in lower court: High Court

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