यमुना से झाग हटाने के लिए दिल्ली सरकार ने जाल लगाए, पानी का छिड़काव किया

By भाषा | Updated: November 10, 2021 18:52 IST2021-11-10T18:52:49+5:302021-11-10T18:52:49+5:30

Delhi government sets up nets, sprinkles water to remove foam from Yamuna | यमुना से झाग हटाने के लिए दिल्ली सरकार ने जाल लगाए, पानी का छिड़काव किया

यमुना से झाग हटाने के लिए दिल्ली सरकार ने जाल लगाए, पानी का छिड़काव किया

(गौरव सैनी)

नयी दिल्ली, 10 नवंबर कालिंदी कुंज में यमुना नदी से झाग हटाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा 15 नाव तैनात करने के एक दिन बाद बुधवार को विभिन्न एजेंसियों ने झाग को दूर करने के लिए बांस के जाल लगाए और पानी का छिड़काव किया जहां पर प्रतिबंध के बावजूद लोग छठ पूजा के लिए एकत्र हुए थे।

मौजूदा हालात को छिपाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के कारण प्रशासन की हो रही आलोचनाओं के बीच अधिकारियों ने माना कि ये झाग नदी के पानी की खतरनाक गुणवत्ता का संकेत हैं और यह समस्या तब तक बनी रहेगी जबतक दिल्ली में जलशोधन इकाइयों को नए मानकों के तहत अद्यतन नहीं किया जाता और सभी अनधिकृत कॉलोनियों को सीवर नेटवर्क से जोड़ा नहीं जाता।

दिल्ली जल बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि झाग को खत्म करने के लिए पानी के छिड़काव के निर्देश जारी किए गए हैं क्योंकि ''कोई अन्य अल्पकालिक उपाय कारगर नहीं हो पाएगा।'' उन्होंने कहा, ''पानी के छिड़काव से झाग बिखर जाएगा। झाग में फंसे हवा के बुलबुले निकल जाएंगे और यह खत्म हो जाएगा।''

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कालिंदी कुंज में झाग को हटाने के लिए बांस के जाल लगाए गए हैं।

अधिकारियों ने कहा कि ये कवायद प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित होने तक जारी रहेगी।

मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि छठ पूजा संपन्न होने के बाद बांस से बने ढांचो को हटा दिया जाएगा। दिल्ली में यमुना में प्रदूषण का मुद्दा एक बार छठ पूजा के चलते चर्चा के केंद्र में आ गया है।

बुधवार तड़के ओखला बैराज के नीचे कालिंदी कुंज में यमुना घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए, लेकिन पुलिस ने उन्हें हटा दिया।

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने महामारी को देखते हुए यमुना के तट पर छठ पूजा समारोह पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया था। दिल्ली सरकार ने अनुष्ठान करने के लिए दिल्ली में 800 अस्थायी घाट बनाए हैं।

चार दिन तक चलने वाला छठ महापर्व मुख्यत: बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड से आकर यहां रह रहे लोग मनाते हैं जिन्हें ‘पूर्वांचली’ कहा जाता है। महापर्व के तीसरे दिन शाम को व्रती निर्जला रहकर डूबते सूर्य को ‘अर्घ्य’ देते हैं जबकि चौथे दिन उगते सूर्य को ‘अर्घ्य’ देने के साथ इस महापर्व का समापन होता है।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने महामारी के चलते यमुना नदी के किनारे छठ पूजा पर रोक लगाई थी।

छठ पूजा समिति, कालिंदी कुंज के अध्यक्ष विकास राय ने कहा कि सरकार ''अपनी विफलता पर पर्दा डालना चाहती है और श्रद्धालुओं को नदी में झाग के बारे में चिंता नहीं है।''

उन्होंने कहा, ''नाव, जाल और पानी के छिड़काव से मदद नहीं मिलेगी। जैसे ही आप इसे हटाएंगे, झाग वापस आ जाएगा। यह एक ढकोसला है ताकि मीडिया प्रदूषण पर सरकार की आलोचना न करे।''

दिल्ली सरकार ने यमुना में जहरीले झाग को लेकर आलोचनाओं के बीच मंगलवार को इसे हटाने के लिए 15 नौकाओं को तैनात किया। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की इस योजना का क्रियान्वयन सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और राजस्व विभाग की मदद से किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि रस्सी की मदद से नाव झाग को हटाने की कोशिश की जा रही है। अधिकारी ने हालांकि, माना कि ‘‘यह ‘अस्थायी उपाय’ है और यह समस्या तब तक बनी रहेगी जब तक एसटीपी और सीईटीपी को नए मानकों के तहत अद्यतन नहीं किया जाता। इसका तत्काल कोई उपाय नहीं है।’’

अधिकारी ने बताया, ‘‘झाग यमुना के पानी की गुणवत्ता को प्रकट कर रहे हैं और यह एक दीर्घकालिक मुद्दा है।’’

विशेषज्ञों के मुताबिक यमुना में झाग की प्राथमिक वजह डाई उद्योग में इस्तेमाल फोस्फेट की उच्च मात्रा, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के घरों और धोबी घाट पर इस्तेमाल होने वाले डिटर्जेंट है। सीईटीपी और एसटीपी की जलशोधन की खराब गुणवत्ता अन्य कारण हैं।

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Web Title: Delhi government sets up nets, sprinkles water to remove foam from Yamuna

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