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एमसीडी चुनाव से पहले झुग्गियों में ‘आरओ वाटर एटीएम’ लगाने की दिल्ली सरकार की योजना

By भाषा | Updated: November 14, 2021 14:07 IST

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(गौरव सैनी)

नयी दिल्ली, 14 नवंबर दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को पानी के टैंकर के लिए लंबी कतारों में नहीं खड़ा होना पड़ेगा क्योंकि सरकार की योजना अगले साल के अंत तक लगभग 1000 ‘आरओ वाटर वेंडिंग मशीन’ लगाने की है जो 24 घंटे काम करेगी।

एक सरकारी अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड जैसे सरकारी केंद्रों के मौजूदा नलकूपों पर ‘वाटर एटीएम’ लगाए जाएंगे। यह प्रस्ताव अप्रैल 2022 में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के होने वाले चुनावों से पहले आया है। अधिकारी ने कहा, ‘‘परियोजना पर काम अप्रैल 2022 तक शुरू होगा और दिसंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि ये जल वितरण प्रणालियां धीरे-धीरे टैंकर की जगह ले लेंगी। टैंकर के कारण झुग्गी बस्तियों (जे जे क्लस्टर) में रहने वाले लोगों को बहुत असुविधा होती है। अधिकारी ने कहा, ‘‘झुग्गी बस्तियों में लोगों को एक टैंकर के लिए घंटों लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ता है जो क्षेत्र में पहुंचने के 15 मिनट के भीतर खाली हो जाता है। कई बार टैंकर उन तक नहीं पहुंचता। अब इन वितरण प्रणालियों के माध्यम से आरओ-फिल्टर्ड पानी चौबीसों घंटे उपलब्ध कराया जाएगा।’’

प्रत्येक 500 घरों या 2,000 लोगों के लिए 100 किलोलीटर पानी यानी प्रति परिवार प्रति दिन 250 से 200 लीटर पानी की व्यवस्था की जाएगी। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) भी प्रत्येक घर को एक कार्ड उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है ताकि प्रत्येक परिवार को रोजाना एक निश्चित मात्रा में पानी मिले।

अधिकारी ने कहा, ‘‘पानी के ज्यादा प्रयोग को रोकने के लिए एक उचित तंत्र होगा। प्रति परिवार प्रतिदिन एक निश्चित मात्रा में पानी की आपूर्ति की जाएगी। कोई कतार और लंबी प्रतीक्षा नहीं होगी क्योंकि ये वेंडिंग मशीन 24 घंटे काम करेगी।’’ ऐसी मशीन लगाने से प्रति परिवार पानी की उपलब्धता भी बढ़ जाएगी।

अधिकारी के मुताबिक डीजेबी के एक टैंकर में 3,000 लीटर पानी होता है और अगर एक दिन में पांच टैंकर एक क्षेत्र में भेजे जाएं तो भी लोगों को अधिकतम 15,000 लीटर पानी मिलता है। लेकिन, यहां एक वेंडिंग मशीन से एक लाख लीटर पानी निकलेगा।

ड्राइवरों के वेतन, ईंधन और अन्य परिचालन तथा रखरखाव लागतों को ध्यान में रखते हुए टैंकरों के माध्यम से 1000 लीटर पानी की आपूर्ति करने पर डीजेबी को 150-200 रुपये का खर्च आता है। उन्होंने कहा कि वेंडिंग मशीन के माध्यम से प्रति 1000 लीटर पानी की लागत काफी कम होगी।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि टैंकर से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पानी भेजने में बड़ी मात्रा में पानी की बर्बादी भी होती है। इसके अलावा, 10 में से केवल चार टैंकर अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। इसलिए, उन सभी पर जीपीएस सिस्टम लगाने पर जोर दिया जा रहा है। लगभग 6,000 टैंकर झुग्गी बस्तियों को पानी की आपूर्ति करते हैं। शुद्धिकरण प्रक्रिया में पानी की बर्बादी को कम करने के लिए सरकार वेंडिंग मशीन में उन्नत आरओ सिस्टम का उपयोग करेगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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