दिल्ली सरकार ने अदालत में घर-घर राशन योजना का बचाव किया, विरोध को गलत बताया
By भाषा | Updated: November 29, 2021 18:51 IST2021-11-29T18:51:43+5:302021-11-29T18:51:43+5:30

दिल्ली सरकार ने अदालत में घर-घर राशन योजना का बचाव किया, विरोध को गलत बताया
नयी दिल्ली, 29 नवंबर दिल्ली सरकार ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में अपनी राशन वितरण योजना का बचाव करते हुए कहा कि यह बात पूरी तरह गलत है कि योजना के लागू होने से उचित मूल्य की दुकानें बंद हो जाएंगी।
सरकार ने तर्क दिया कि यह एक वैकल्पिक योजना है और लाभार्थी चाहें तो वे कभी भी इससे बाहर हो सकते हैं तथा किसी भी लाभार्थी ने योजना के कार्यान्वयन के तरीके पर सवाल नहीं उठाया है।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि प्रमुख मुद्दा यह है कि योजना के क्रियान्वयन के साथ उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) को व्यवस्था से बाहर नहीं किया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा, "केंद्र का कहना है कि एफपीएस राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) का एक अभिन्न अंग है, इसलिए आप इसे खत्म नहीं कर सकते।"
दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह एक गलत धारणा है कि राज्य एफपीएस को खत्म करना चाहता है।
अदालत दिल्ली सरकार राशन डीलर्स संघ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें घर-घर राशन उपलब्ध कराने की दिल्ली सरकार की योजना को चुनौती दी गई है।
इस मामले में अब तीन दिसंबर को आगे सुनवाई होगी।
सुनवाई के दौरान, केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि अदालत को किसी भी राज्य को एनएफएसए की संरचना में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "भारत संघ के रूप में, हम केवल एनएफएसए के पूर्ण अनुपालन को लेकर चिंतित हैं।
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