दिल्ली सरकार ने उचित मूल्य की दुकानों को अतिरिक्त राशन को अन्य एफपीएस को देने की अनुमति दी
By भाषा | Updated: December 19, 2021 20:42 IST2021-12-19T20:42:58+5:302021-12-19T20:42:58+5:30

दिल्ली सरकार ने उचित मूल्य की दुकानों को अतिरिक्त राशन को अन्य एफपीएस को देने की अनुमति दी
नयी दिल्ली, 19 दिसंबर दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को शहर के विभिन्न क्षेत्रों में उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) पर अतिरिक्त राशन को उन नजदीकी एफपीएस में स्थानांतरित करने के लिए कहा है, जहां राशन की आवश्यकता है या जहां इसे समायोजित किया जा सकता है। विभाग के अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से एक परिपत्र भी जारी किया गया है। विभाग ने शुक्रवार को जारी परिपत्र में कहा है कि पिछले महीने के ‘क्लोजिंग बैलेंस’ को भविष्य के आवंटन में बिना समायोजित किए छोड़े जाने के कारण एफपीएस मालिकों को भंडारण को लेकर हो रही समस्या के संबंध में वितरण शाखा में कई अनुरोध मिले हैं।
वर्तमान में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी) या प्रवासी लाभार्थियों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पिछले महीने के क्लोजिंग बैलेंस के समायोजन के बिना ही पूर्ण पात्रता के साथ आवंटन उपलब्ध कराया जा रहा है।
परिपत्र में कहा गया है, ‘‘एफपीएस लाइसेंसधारियों से एफपीएस पर पड़े क्लोजिंग बैलेंस के अतिरिक्त भंडार के संबंध में प्राप्त अनुरोधों के मद्देनजर संबंधित क्षेत्रीय सहायक आयुक्त सटीक स्थिति की सख्ती से जांच करने के बाद और संबंधित एफपीएस मालिकों की सहमति से एफपीएस से ऑनलाइन मोड के माध्यम से भंडार स्थानांतरण उन एफपीएस से कर सकते हैं जहां अत्यधिक भंडार उपलब्ध है और उन्हें जरूरत वाले एफपीएस में समायोजित किया जा सकता है।’’
परिपत्र में हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि परिवहन का खर्च विभाग द्वारा वहन नहीं किया जाएगा। दिल्ली सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) 2013 और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल उपकरणों के माध्यम से लाभार्थियों को मुफ्त राशन वितरित करती है। इसने इस साल जुलाई में ओएनओआरसी योजना भी लागू की है।
दिल्ली में 17.78 लाख कार्डधारक हैं और लगभग 72.77 लाख लाभार्थी हैं। शहर में 2,000 से अधिक उचित मूल्य की दुकानें हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।